Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

कवर्धा में शिवलिंग पर घंटे भर लिपटा रहा नाग, मानो वह साधना कर रहा हो

  कवर्धा. पंडरिया विकासखंड में स्थित गौरकापा आश्रम स्थित महादेव के मंदिर में शिवलिंग पर नाग लिपटा हुआ मिला। ये सूचना तेजी से फैली। देखते ह...

Also Read

 


कवर्धा. पंडरिया विकासखंड में स्थित गौरकापा आश्रम स्थित महादेव के मंदिर में शिवलिंग पर नाग लिपटा हुआ मिला। ये सूचना तेजी से फैली। देखते ही देखते लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। नाग देवता का पूजन करने लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंच गए। वहां पुजारियों ने सुरक्षा के नाते लोगों को दूर से ही पूजा करने की अनुमति दी। शिवलिंग पर सर्प ऐसे लिपटा रहा जैसे मानो वह साधना कर रहा हो। घंटे भर के बाद वह वहां से निकल गया।

लोगों ने की पूजा-अर्चना

यह देखने के बाद पुजारी गर्भगृह के बाहर ही खड़े रहे, उन्होंने वहीं से दर्शन किए। आस-पास के लोगों को भी इस बात की खबर लग गई। खबर लगते ही लोग मौके पर पहुंच गए और पूजा अर्चना करने लग गए। किसी भक्त ने वीडियो भी बनाकर वायरल कर दिया है। लोगों को कहना है कि ऐसा कम ही होता है कि इस तरह से भोले बाबा के साथ नाग भगवान के भी दर्शन हो जाएं। मगर यहां ऐसा हुआ है। हमें यह सौभाग्य मिला है।

यह आश्रम वर्षो से श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है। लोग किसी भी कार्यक्रम से पहले यहां आकर महादेव की पूजा कर सफलता की कामना करते हैं। शिवलिंग के पास का दृश्य देखकर पहले तो लोग भयभीत हुए, लेकिन बाद में भाव-विभोर होकर आनन्द से भर गए। लोगों ने वैदिक मंत्रोपचार के बीच पूजा-अर्चना की। हर हर महादेव के जयघोष गूंजने लगे। पूरे समय तक नाग शांत शिवलिंग से लिपटा रहा। जैसे मानो वह कोई साधना कर रहा हो।

शिवलिंग के ऊपर बैठे नाग के लोगों ने दर्शन किए हैं। वहां पहुंचे लोगों का कहना है कि ऐसा कम ही देखने को मिलता है। मगर यहां लोगों को जब इस बारे में पता चला तब इस दुर्लभ दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। इस बात की जानकारी लोगों को तब लगी थी। जब सुबह पुजारी पूजा करने के लिए मंदिर पहुंचे थे। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है।

संतों के द्वारा स्थापित गौरकापा आश्रम इलाके के लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है। जहां पर हर सावन, महाशिवरात्रि और शनि जयंती पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यह आश्रम मुंगेली जिले की सीमा से भी सटा हुआ है। इस आश्रम की स्थापना दशनाम जूना अखाड़ा के संतों ने सैकड़ों वर्ष पहले की थी।