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बिलासपुर वन परिक्षेत्र में पक्षी के शिकारी को नहीं ढूंढ सका वन विभाग

  बिलासपुर । खुलेआम पक्षियों को पकड़ने के लिए एक शिकारी जाल बिछाता है और पक्षियों को फंसा भी लेता है। शिकारी की फोटो भी कैद हो चुकी है। इस...

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बिलासपुर । खुलेआम पक्षियों को पकड़ने के लिए एक शिकारी जाल बिछाता है और पक्षियों को फंसा भी लेता है। शिकारी की फोटो भी कैद हो चुकी है। इसके बाद भी वन विभाग का अमला 24 घंटे से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी शिकारी को पकड़ नहीं सका है। दूसरे दिन बुधवार को केवल हवा में हाथ-पैर मारते रहे। लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। विभाग की इस निष्क्रियता से तो शिकारियों का मनोबल बढ़ेगा और इस तरह की अपराध को फिर से करने का प्रयास करेंगे। सीपत सर्किल के ग्राम हिंडाडीह से ग्राम कैमाडीह के रास्ते में मुरुम खदान है। यहां जगह-जगह पानी भरा हुआ है। प्यास बुझाने के लिए पक्षी यहां उतरते हैं। इसी का फायदा उठाकर एक शिकारी ने चोरी-छिपे जहां पानी भरा था वहां जाल बिछाया था।

उसमें पक्षियों के लिए दाना भी रखा था। जैसे ही पक्षी दाना चुगने आते जाल में फंस जाते। ऐसा करके उसने 13 पक्षियों को जाल में फंसाकर रखा था। एक वन्य प्राणी प्रेमी की नजर इस पर पड़ी और उन्होंने पक्षियों को आजाद कराया। इतना ही नहीं शिकारी का वीडियो भी बनाकर वन विभाग को भेजा, ताकि वह संबंधित पर सख्त कार्रवाई कर सके। कार्रवाई तो वन अमला 24 घंटे के बाद भी शिकारी को पकड़ने में नाकाम है। बिलासपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी पल्लव नायक ने बताया कि बुधवार को आसपास के सभी गांवों में टीम पहुंची थी, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी। अमला पूरा प्रयास कर रहा है, जल्द इसमें सफलता भी मिल जाएगी। घटना के बाद से वन अमले को लगातार सर्चिंग करने के भी निर्देश दिए गए हैं। 

नहीं होती औचक जांच

वन अमले को मुख्यालय में रहने का सख्त आदेश है। पर हकीकत में ऐसा नहीं है। यह अव्यवस्था किसी एक सर्किल की नहीं है, बल्कि सभी में यही स्थिति है। अफसर भी ऐसे वनकर्मियों पर लगाम नहीं कसते। इसके चलते ही जंगल में शिकारी व वन माफिया सक्रिय हैं और घटना को अंजाम दे रहे हैं।