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जाति प्रमाण पत्र के लिए मांग रहे वंशावली

  दुर्ग । दस्तावेजों के अभाव में जिनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है । ऐसे लोग शासन की योजना के तहत प्रमाण पत्र बनवाने नगर निगम में आवेद...

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दुर्ग । दस्तावेजों के अभाव में जिनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है । ऐसे लोग शासन की योजना के तहत प्रमाण पत्र बनवाने नगर निगम में आवेदन कर रहे हैं। लेकिन निगम द्वारा यहां भी वंशावली मांगी की जा रही है। निगम के इस फरमान से आवेदकों की परेशानी बढ़ गई है ऐसी स्थिति में शासन का आदेश बेईमानी ही होकर रह जाएगी। यहां पर भी उनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाएगा।

शहरी क्षेत्र में रहने वाले कई लोग ऐसे हैं जिनके पास जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दस्तावेजों का अभाव है। सरकार ने इनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए संबंधित नगर निगम के माध्यम से जाति प्रमाण पत्र बनाए जाने की व्यवस्था बनाई है। जिसके मुताबिक ऐसे आवेदक जिनके पास जाति को प्रमाणित करने वाला किसी तरह का दस्तावेज उपलब्ध नहीं है वे समाज प्रमुखों के हस्ताक्षर युक्त प्रतिलिपि आवेदन के साथ जमा कर सकते हैं। प्रस्तुत प्रतिलिपी पर नगर निगम द्वारा दावा आपत्ति मंगाया जाना है। 

प्रकरण निगम एमआइसी को भेजा जाएगा

दावा आपत्ति के बाद प्रकरण निगम एमआइसी को भेजा जाएगा। एमआइसी में मुहर लगने के बाद अंतिम स्वीकृति के लिए सामान्य सभा की बैठक में रखी जाएगी। सामान्य सभा से स्वीकृति मिलने के बाद संबंधित आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना है। जाति प्रमाण के लिए अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के आवेदकों से क्रमशः10 अगस्त 1950 और छह सितंबर 1950 के पूर्व उसके पिता अथवा पूर्वज के निवास स्थान का स्थाई पता के संबंध में जानकारी मांगी जा रही है। इसी तरह अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को 26 दिसंबर 1984 के पूर्व उसके पिता या पूर्वज के निवास स्थान का स्थाई पता के संबंध में जानकारी मांगी जा रही है। दुर्ग निगम द्वारा आवेदकों से वंशावली भी मंगाया जा रहा है। इस संबंध में क्षेत्रीय सरपंच अथवा पार्षद व पटवारी से प्रतिवेदन मंगाया जा रहा है।इसकी वजह से दस्तावेज विहीन आवेदकों की परेशानी बढ़ गई है।