कोरोना संकट के बीच नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में अब हैजे का प्रकोप फैल गया है। इस कारण से काठमांडू घाटी के ललितपुर म...
कोरोना संकट के बीच नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में अब हैजे का प्रकोप फैल गया है। इस कारण से काठमांडू घाटी के ललितपुर मेट्रोपॉलिटन सिटी (LMC) में पानी पुरी की बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। काठमांडू घाटी में बीते कुछ दिनों से यहां हैजे के करीब 12 मामले सामने आ चुके हैं। हैजे के मामले लगातार सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन ने पानी पुरी की ब्रिकी पर रोक लगा दी है।
काठमांडू में नगर प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि पानी पुरी में
उपयोग होने वाले पानी में हैजा के बैक्टीरिया पाए गए हैं। इस कारण से यह
प्रतिबंध लगाया गया है। नगर पुलिस प्रमुख सीताराम हचेतु ने जानकारी दी है
कि काठमांडू शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों और कॉरिडोर क्षेत्रों में पानी
पुरी की बिक्री रोकने के लिए तैयारी की गई है, जिससे घाटी में हैजा फैलने
का खतरा बढ़ गया है।
नेपाल में अभी तक हैजा के कुल 12 मामले
स्वास्थ्य
और जनसंख्या मंत्रालय ने बताया है कि काठमांडू घाटी में 7 और लोगों के
हैजा से संक्रमित होने के साथ कुल हैजा रोगियों की संख्या 12 हो गई है।
महामारी विज्ञान और रोग नियंत्रण विभाग के निदेशक चुमान लाल दास ने बताया
है कि हैजा के 5 मामले हैं। काठमांडू शहर में और चंद्र गिरी नगर पालिका और
बुधनीलकंठा नगर पालिका में 1-1 हैजा के केस मिले हैं। संक्रमित का इलाज
सुकर राज ट्रॉपिकल एंड इनफेक्शियस डिजीज हॉस्पिटल टेकू में जारी है।
संक्रमितों में से दो का इलाज होने के बाद पूरी तरह से ठीक हो गए हैं और
उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय ने कहा है कि हैजा के किसी भी लक्षण
का अनुभव होने पर तत्काल काठमांडू या उसके पास स्थित नजदीकी स्वास्थ्य
केंद्र पर जाएं। मंत्रालय ने सभी से सतर्क रहने का अनुरोध किया है क्योंकि
अतिसार, हैजा और अन्य जल जनित बीमारियां विशेष रूप से गर्मी और बरसात के
मौसम में फैल रही हैं। लोगों को दूषित पानी के उपयोग नहीं करने की सलाह दी
गई है। साथ ही पानी को उबालकर पीने के लिए भी कहा जा रहा है।