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मई महीने में कम हुई महंगाई, 7.04 फीसदी रही खुदरा महंगाई दर

  महंगाई देश में चर्चा का विषय बना हुआ है इस नीच मई महीने में देश में महंगाई में थोड़ी कमी आई है। अप्रैल में जहां महंगाई दर ने 8 सालों का ...

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महंगाई देश में चर्चा का विषय बना हुआ है इस नीच मई महीने में देश में महंगाई में थोड़ी कमी आई है। अप्रैल में जहां महंगाई दर ने 8 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा था वहीं, मई में ये दर घटकर 7.04 फीसदी पर रही है। जबकि अप्रैल में यही दर 7.79 फीसदी रही थी। हालांकि, 7 फीसदी खुदरा महंगाई दर होने के बाद भी आम जनता को थोड़ी राहत है लेकिन अभी भी ये उनकी जेब पर भारी पड़ेगी। ये महंगाई दर अभी भी आरबीआई के सामने चुनौती बनी हुई है।
मई महीने में पिछले साल की बात करें तो खुदरा महंगाई दर 6.3 फीसदी थी। वहीं, खाने पीछे की चीजों की महंगाई दर (Food Inflation) की बात करें तो वो 7.97 फीसदी रही जोकि पिछले महीने 8.31 फीसदी थी।

इसके पीछे की वजह पेट्रोल-डीजल के दामों में आई कटौती को माना जा रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 8 और 6 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी। इसके बाद कई राज्य सरकारों ने भी VAT कम किया था। केंद्र और राज्य सरकारों के इस कदम से ट्रांसपोर्टेशन की लागत कम हुई और इसका सीधा असर खुदरा महंगाई में गिरावट के रूप में देखने को मिला है।
हालांकि, वहीं, सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई को 4 से 2 फीसदी पर रखने के लिए कहा है। ऐसे में मई में जो दर दर्ज की गई है वो आरबीआई के मार्जिन से काफी अधिक है।

मई के महीने में खाद्य कीमतों में कमी के कारण भारत की खुदरा मुद्रास्फीति मई में वार्षिक आधार पर 7.04% पर आ गई, जो अप्रैल में 7.79% थी। इस महीने समग्र खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने 8.31% और पिछले वित्त वर्ष (FY22) की इसी अवधि में 5.01% की तुलना में 7.97% बढ़ी। क्रमिक रूप से, हेडलाइन मुद्रास्फीति मई में घटकर 0.94 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल में 1.43 प्रतिशत थी।

CPI-आधारित महंगाई दर ने लगातार पांचवें महीने RBI के निर्धारित मार्जिन को पर किया है। अप्रैल में ये 7.79 फीसदी, मार्च में 6.95 फीसदी, फरवरी में 6.07 फीसदी और जनवरी में ये दर 6.01 फीसदी रही थी।