रायपुर. छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ा औद्योगिक प्रदूषण और बेतरतीब शहरीकरण ने शहरों के पेयजल को दूषित करने का काम किया है। छत्तीसगढ़ के 20 शहरो...
रायपुर. छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ा औद्योगिक प्रदूषण और बेतरतीब शहरीकरण ने शहरों के पेयजल को दूषित करने का काम किया है। छत्तीसगढ़ के 20 शहरों के पेयजल की हुई जांच में एक बार फिर यह बात पुष्ट हुई है कि औद्योगीकरण और शहरीकरण जल प्रदूषण की प्रमुख वजह हैं। इन शहरों के पानी के पांच हजार 335 सैंपल की एचटूएस किट से कराई गई जांच में 590 सैंपल फेल पाए गए हैं।
सबसे ज्यादा सैंपल उन्हीं शहरों के फेल हुए हैं, जहां औद्योगीकरण और शहरीकरण बढ़ा है। पेयजल के दूषित होने की दूसरी सबसे बड़ी वजह खराब पाइपलाइन को माना गया है। नालियों से होकर गुजरीं पाइपलाइनें बीमारियों की वजह बन रही हैं। राजधानी रायपुर के 58 मुहल्लों के पानी के सैंपल फेल हुए हैं, जहां पिछले कुछ वर्षों से लगातार पीलिया के मामले सामने आते रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्र में मितानिन के माध्यम से पेयजल की जांच कराई गई। मितानिनों को पहले प्रश्ािक्षण दिया गया, फिर मैदान में जांच के लिए उतारा गया। छत्तीसगढ़ स्टेट रिसोर्स सेंटर के अधिकारियों ने बताया कि मई में पेयजल की जांच की गई। सबसे ज्यादा सैंपल रायपुर में लिए गए, जहां छह प्रतिशत सैंपल फेल हो गए।
औद्योगिक शहर रायगढ़ के 26 फीसद, भिलाई और दुर्ग के 21 फीसद सैंपल फेल हुए हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति राजनांदगांव की है। यहां उद्योग कम होने के बावजूद 25 फीसद सैंपल फेल हुए हैं। इसकी जांच में पता चला कि लंबे समय से पाइप लाइन की मरम्मत नहीं होने, खराब पाइप लाइन को नहीं बदलने के कारण राजनांदगांव में स्थिति भयावह हो रही है।