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ब्रेकिंग न्यूज़,नियमों का पालन नहीं करने वाले पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का पंजीयन रद्द, प्रतीक चिन्ह वापस लिया गया, भारतीय निर्वाचन आयोग की बड़ी कार्रवाई

  111 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) का प्रतीक चिन्ह वापस ले लिया गया  भारतीय निर्वाचन आयोग की उचित नियामक अनुपालन सुन...

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111 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) का प्रतीक चिन्ह वापस ले लिया गया

 भारतीय निर्वाचन आयोग की उचित नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई


नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।
असल बात न्यूज़।।  
00  विशेष रिपोर्ट

पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ देशभर में कार्रवाई शुरू की जा रही है। पूरे देश में ऐसे 111 राजनीतिक दल चिन्हित किए गए हैं। देश में ऐसे भी राजनीतिक दल पंजीकृत कराए गए हैं जिनका पता स्पष्ट नहीं है, ना ही इन लोगों ने अपना पता बदलने के बारे में सूचना दी है।भारत के चुनाव आयोग के द्वारा ऐसे राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा रही है तथा उनका पंजीयन रद्द किया जाएगा। केंद्रीय चुनाव आयोग के द्वारा गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में शामिल पंजीकृत राजनीतिक दलों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की जा रही है । फिलहाल 111 राजनीतिक दलों का चुनाव चिन्ह वापस ले लिया गया है तथा पंजीयन रद्द करने की कार्रवाई की गई है।

 देश में पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के नेताओं में शामिल पाए जा रहे हैं। इसमें से कई का पता ठिकाना सही नहीं पाया गया है तथा इन राजनीतिक दलों के द्वारा अपना पता बदलने के बारे में भी कोई सूचना नहीं दी गई है। ऐसे पंजीकृत राजनीतिक दलों के खिलाफ पहले से कार्रवाई शुरू कर दी गई है और पहले  चरण में 87 ऐसे दलों का पंजीयन रद्द कर दिया गया है। इसके बाद भारत निर्वाचन आयोग ने 111 अतिरिक्त आरयूपीपी को रजिस्टर से हटाने का निर्णय लिया है। ये 111 आरयूपीपी, जिनके संचार का पता, धारा 29ए(4) के तहत पंजीकरण आवश्यकता के रूप में वैधानिक रूप से आवश्यक था; धारा 29ए(9) के तहत पते में किसी भी बदलाव के बारे में ईसीआई को सूचित करना आवश्यक था, जिसका उन्होंने अनुपालन नहीं किया है। 

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने सूचित किया है कि ये आरयूपीपी या तो सत्यापन पर मौजूद नहीं पाए गए हैं या उनके द्वारा जारी पत्र, आयोग के आदेश दिनांक 25.05.2022 के अनुसरण में डाक विभाग द्वारा बिना सुपुर्दगी लौटा दिए गए हैं। आयोग ने यह भी निर्णय लिया कि इससे पीड़ित कोई भी दल इस आदेश के जारी होने के 30 दिनों के भीतर संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी/चुनाव आयोग से संपर्क कर सकता है, जिसमें अस्तित्व के सभी साक्ष्य, अन्य कानूनी और नियामक अनुपालन, वर्षवार वार्षिक लेखा परीक्षित खाते, योगदान रिपोर्ट शामिल हैं। , व्यय रिपोर्ट, वित्तीय लेनदेन (बैंक खाते सहित) के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं सहित पदाधिकारियों का अद्यतनीकरण। ऐसे आरयूपीपी की अलग-अलग सूची मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत अपेक्षित कार्रवाई के लिए संबंधित सीईओ और सीबीडीटी को भेजी जाएगी।

     इसके अलावा, गंभीर वित्तीय अनियमितता में शामिल 3 आरयूपीपी के खिलाफ आवश्यक कानूनी और आपराधिक कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग को एक संदर्भ भी भेजा गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में योगदान रिपोर्ट प्रस्तुत न करने के लिए क्रमशः 1897, 2202 और 2351 आरयूपीपी की एक सूची भी आरपी अधिनियम 1951 के प्रासंगिक प्रावधानों के साथ पठित सभी परिणामी कार्रवाई करने के लिए साझा की गई है। आईटी अधिनियम 1961। 66 आरयूपीपी की सूची, जिन्होंने अधिनियम की धारा 29 सी के तहत अनिवार्य योगदान रिपोर्ट प्रस्तुत किए बिना आयकर छूट का दावा किया है, उन्हें भी राजस्व विभाग के साथ साझा किया गया है।

 चुनाव आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडे के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार की अध्यक्षता में आयोजित आयोग की बैठक के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के (आरयूपीपी) उचित अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए  आरपी अधिनियम 1951 की संबंधित धारा 29ए और 29सी के तहत  उचित अनुपालन लागू करने के लिए कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है। 



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