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भारत के संविधान पर भरोसा नहीं, तो बात नहीं हो सकती- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुकमा में गर्जना   वे, बातचीत करेंगे, सिर्फ भारत के सविधान के अनुसार, सिर्फ यही एक ही लाइन है बातचीत शुरू करने के ...

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुकमा में गर्जना

 वे, बातचीत करेंगे, सिर्फ भारत के सविधान के अनुसार, सिर्फ यही एक ही लाइन है

बातचीत शुरू करने के पहले भारत के संविधान पर विश्वास होने का डिक्लेरेशन करना होगा 

वे लोग, भारत के संविधान पर विश्वास नहीं कर सकते तो मैं उनसे बात नहीं कर सकता

रायपुर,सुकमा।

असल बात न्यूज़।। 


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि उन लोगों से भी बात की जा सकती है, लेकिन उन्हें भारत के संविधान पर विश्वास भरोसा होना चाहिए। जिन्हें भारत के संविधान पर विश्वास नहीं है उनसे कोई बात नहीं हो सकती। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बस्तर संभाग के सुकमा में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उक्त बातें कही है। उन्होंने कहा कि वे भारत के संविधान पर भरोसा करें तो सुकमा बोले सुकमा आ जाएंगे या जहां बोले वहां पहुंच जाएंगे उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। बस पहली बात है कि भारत के संविधान को मानना होगा। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दूसरे चरण में बस्तर संभाग के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। इसी दौरान वे सुकुमा विधानसभा क्षेत्र पहुंचे हुए हैं। यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उन्होंने उक्त बातें कहीं। यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सलियों से बातचीत का रास्ता बंद है अथवा खुला है ?इस सवाल पर तरह-तरह की बातें होती रही है और तमाम तरह के अटकले लगाए जाते रहे हैं। इस चर्चित मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुकमा अब काफी बदल गया है। शांति समृद्धि यहां चारों तरफ फैल रही है। उन्होंने कहां की बस्तर संभाग में अभी जो बेहतर माहौल है उससे बेहतर वातावरण नहीं हो सकता। एक समय सुकमा से नक्सलवाद की शुरुआत हुई थी और अब यहां से नक्सलवाद, काफी पीछे चला गया है। उन्होंने कहा कि वे लोग बात करना चाहते हैं, समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं तो एक ही बात है भारत के संविधान पर भरोसा। इस भरोसे के बाद ही बात हो सकती है।

यह भी उल्लेखनीय है कि 15 वर्षों के  सत्ता परिवर्तन के बाद लोगों की, राजनीतिक विश्लेषकों की नजर इस ओर भी लगी हुई  हैं कि प्रदेश  सरकार की नक्सलवाद के मामले में अब क्या रणनीति और स्टैंड,रुख हो सकता है। तो इस मामले में भूपेश बघेल ने प्रेस कान्फ्रेस में स्पष्ट कर दिया है कि उन लोगों को भारत के संविधान पर विश्वास नहीं है तो उनसे बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि मैं हिंदुस्तान में हूं। यह गणराज्य है। भारत देश में संघीय गणराज्य की व्यवस्था है। संघीय गणराज्य  में वे एक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में संवैधानिक पद पर बैठे हैं। ऐसे में  वे किसी से सामने बात करेंगे, तो भारत के संविधान के अनुसार, एक ही लाइन है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नक्सलवाद के मामले में यह एक बड़ी बात कही है। 

उन्होंने कहा कि वे लोग भारत में है। देश के नागरिक हैं, तो भारत के संविधान को मानना ही होगा। भारत के संविधान का भरोसा करेंगे तो वे सब जहां, चाहेंगे वहां बातचीत के लिए पहुंचे जाएंगे।