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झीरम घाटी कांड पर ""असल प्रकाश'' के 26 मई 2013 के अंक में प्रकाशित विशेष रिपोर्ट,, आज से 9 साल पहले हुआ था कि यह दुर्दांत कांड

रायपुर । असल बात न्यूज़।।  झीरम घाटी कांड को छत्तीसगढ़ ही नहीं  देश के सबसे बड़े नक्सली हिंसा की घटनाओं में से एक माना जाता है। दिल को दहला ...

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रायपुर ।

असल बात न्यूज़।। 

झीरम घाटी कांड को छत्तीसगढ़ ही नहीं  देश के सबसे बड़े नक्सली हिंसा की घटनाओं में से एक माना जाता है। दिल को दहला देने वाली घटना, अंतर्मन को रुला देने वाली घटना, दहशत फैलाने वाली घटना, अपनों के चिथड़े उड़ा देने वाली घटना, इस कांड ने छत्तीसगढ़ को जो नुकसान पहुंचाया है उसकी शायद ही कभी भरपाई हो सकेगी। हिंसा की इस घटना से पूरा छत्तीसगढ़ थर्रा गया। शांत, सरल हरे हरे, हरियाली से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का इस घटना से यह रूप भी सामने आया कि यहां तमाम तरह की सुरक्षा व्यवस्थाओं से लैस होने के बावजूद इतने सारे लोगों को इस तरह से घेरकर एकाएक जान ली जा सकती है।। उस समय नवगठित छत्तीसगढ़ राज्य को बने सिर्फ 13 वर्ष हो गए थे। विकास आगे बढ़ रहा था। आम लोगों को नई सुविधाएं देखने को मिल रही थी। लेकिन किसी के मन में ऐसी कल्पना तक नहीं थी कि छत्तीसगढ़ राज्य के एक कोने में इस तरह की आग सुलग रही है कि इस तरह से इतना बड़ा दुर्दांत कांड घटित किया सकता है। कभी ना भुलाया  जा सकने वाला दुर्दांत कांड। विडंबना यह भी है कि इस घटना से जो सवाल पैदा हुए थे वे आज भी जस की तस बने हुए हैं। आम आदमी यहां ठगा हुआ महसूस करता है। इतना बड़ा कांड, लेकिन यह सच्चाई है कि इसके क्रूर बेखौफ दोषियों को सजा दिलाने में हम सफलता नहीं हासिल कर सके हैं।  हालात ऐसे दिखते हैं जिससे ऐसा भी महसूस होने लगता है कि  इस कांड में हमने जिन लोगों को खो दिया उनके लिए हम सिर्फ आंसू बहाने के सिवा कुछ नहीं कर सकते। यह सच्चाई है कि इस कांड में जिन लोगों की जान चली, गई वह सिर्फ किसी राजनीतिक दल के ही प्रतिनिधि, नेता  नहीं थे, बल्कि उन सभी का छत्तीसगढ़ के एक बड़े वर्ग से गहरा संबंध था, लगाव था, आत्मीयता थी, स्नेह था।कहा जा सकता है कि  दूर-दूर तक विशाल क्षेत्र में।  छत्तीसगढ़ के निर्माण में भी उन सब की महत्वपूर्ण भूमिका थी और छत्तीसगढ़ को  प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने का उनमें बड़ा माद्दा था।वे सब ऐसे कर्मवीर थे कि हम लिखने की कोशिश करेंगे और शब्द कम पड़ जाएंगे।

 झीरम श्रद्धांजलि दिवस पर 25 मई को शासकीय कार्यालयों में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। असम प्रकाश परिवार भी,इस कांड के सभी दिवंगतो को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

उस दिल दहला देने वाली घटना के बाद हमारे ग्रुप सप्ताहिक समाचार पत्र असल प्रकाश ने तमाम तथ्यों के आधार पर घटना के तह तक पहुंचने और उसका अपने नजरिए से बारीक विश्लेषण  करने की कोशिश की थी। आप सभी सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत है 26 मई 2013 को प्रकाशित अंक। इसके बाद झीरम घाटी कांड पर हमारे और भी कुछ विशेष अंक प्रकाशित हुए, उन्हें हम आप सभी तक आगे पहुंचाने की कोशिश करेंगे।