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जिला कलेक्टर ने पंचायत स्तर पर हल नहीं होने वाली समस्याओं की उन्हें जानकारी देने को कहा

  *-कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने धमधा ब्लाक के मुरमुंदा में ली सरपंचों की बैठक       दुर्ग । असल बात न्यूज़।।   जिले के कलेक्टर डॉ ...

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*-कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने धमधा ब्लाक के मुरमुंदा में ली सरपंचों की बैठक


     दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।।

 जिले के कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा है किगांव में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। पेयजल आदि आवश्यकताओं के लिए पंद्रहवें वित्त के माध्यम से राशि भी पंचायतों को प्रदान की गई है। जिन समस्याओं का समाधान आपके स्तर पर नहीं हो पा रहा, उनसे अवगत कराएं, इस संबंध में त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

 कलेक्टर डा. भुरे ने यह बात धमधा ब्लाक के मुरमुंदा में सरपंचों की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास को लेकर सरपंच और सचिव की बड़ी जिम्मेदारी है। सबसे पहले वो ये देखें कि ग्रामीणों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ मिल पा रहा है या नहीं। पटवारी नियत तिथि पर बैठते हैं या नहीं, आंगनबाड़ियां समय पर लग रही हैं या नहीं, स्कूल कैसा चल रहा है। गौठानों की व्यवस्था कैसी है। सरपंच तो गौठान समिति के सदस्य भी होते हैं। इस तरह की सारी संस्थाएं अच्छे से कार्य करेंगी तभी गौठान का संचालन बेहतर तरीके से हो पाएगा। कलेक्टर ने कहा कि इसके अलावा गाँव की समस्याओं पर नजर रखना है और प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्य करने हैं। मसलन यदि पेयजल की दिक्कत सबसे बड़ी है तो उस पर पहले काम किया जाए, फिर सीसी रोड और ड्रेनेज आदि काम कराएं जाएं। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन भी मौजूद थे। उन्होंने गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों के विस्तार के संबंध में अपने सुझाव दिये, साथ ही जनप्रतिनिधियों से ग्रामीण विकास को लेकर उनके फीडबैक भी पूछे।

*जहां पेयजल की समस्या वहां उपाय करने दिये निर्देश-* अधिकांश सरपंचों ने कहा कि उनके गांवों में पेयजल की किसी तरह से दिक्कत नहीं है। कुछ सरपंचों ने गर्मी बढ़ने पर जलस्तर घटने से पेयजल संकट की आशंका जताई। ढौर में सरपंच ने बताया कि यहां पानी की बड़ी दिक्कत है। पड़ोसी गांव से पानी पाइपलाइन के माध्यम से आता है लेकिन पाइपलाइन भी जर्जर हो चुकी है। सीईओ ने बताया कि तालाब में सोलर पंप लगाकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि जिस तरीके से भी संभव हो, गांव की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए। ग्राम अछोटी में सरपंच ने कहा कि उनके गांव में जलजीवन मिशन के माध्यम से जलापूर्ति की जानी है इसके लिए खुदाई तो हो चुकी है लेकिन इसके बाद पाइपलाइन बिछाने का काम रूक गया है। कलेक्टर ने कहा कि इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा ताकि इसका काम जल्द पूरा हो सके।

*खनन प्रभावित गांवों में होंगे डीएमएफ के माध्यम से विकास कार्य-* कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता में खनन प्रभावित गांव भी हैं। यहां बुनियादी सुविधाओं के लिए हर संभव प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से अन्य गांवों में भी विकास कार्य किये जाने हैं और सर्वाधिक प्राथमिकता वाले सेक्टर में सबसे पहले कार्य किये जाएंगे।

*अतिक्रमण का उठा मुद्दा-* अछोटी के सरपंच ने बताया कि गांव के चारागाह की भूमि में कब्जा कर लिया गया है। इसे अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए तो बाड़ी योजना के लिए अच्छी खासी जमीन उपलब्ध होगी। कलेक्टर ने इस पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां कहीं भी अतिक्रमण हुए हैं। उन पर कार्रवाई करें।