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धम‍तरी में 50 एकड़ की पराली जलकर खाक, फायर ब्रिगेड की टीम ने नौ घंटे की मशक्कत के बाद पाया आग पर काबू

  धमतरी । असल बात न्यूज़।।   रबी धान फसल की कटाई-मिंजाई के बाद खेतों पर पड़ा पराली अब खतरनाक साबित होने लगा है। पराली में आग लगने से यह दो...

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धमतरी ।

असल बात न्यूज़।।



 रबी धान फसल की कटाई-मिंजाई के बाद खेतों पर पड़ा पराली अब खतरनाक साबित होने लगा है। पराली में आग लगने से यह दो किलोमीटर तक फैल गई, इससे दो गांवों के जलने का खतरा पैदा हो  गया था। नौ घंटे की मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। आगजनी से 50 एकड़ का पराली जलकर खाक हो गया। वहीं कई किसानों के सिंचाई पंप के केबल व अन्य सामग्री जलने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

यहां के कानीडबरी से कोलियारी खार में खेतों में पड़ी पराली पर आगजनी की घटना हुई थी। पराली से आग फैलने लगा। सूखे पराली से आग तेजी से फैलते हुए दो किलोमीटर तक फैल गई। भयंकर आगजनी से कानीडबरी व काेलियारी के ग्रामीणों में दहशत हो गया। शाम सात बजे घटना की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी गई। यह टीम मौके पर पहुंची। इधर घटना की खबर सूनने के बाद एसडीएम डा विभोर अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड टीम को आगजनी पर काबू पाने आदेश दिया, तो तेजी के साथ आग बुझाने टीम के कर्मचारी जुटे। तीन फायर ब्रिगेड व टीम जुटी।

आग बुझाने के लिए उपयोग में लाया गया 40 हजार लीटर पानी

शाम सात बजे से आग बुझाने की कोशिश शुरू हुई, तो सुबह चार बजे तक आग पर टीम ने भारी मशक्कत के बाद काबू पाया। आग बुझाने के लिए 40 हजार लीटर पानी उपयोग में लाया गया। आगजनी से कई किसानों के सिंचाई बोर पंप के केबल व अन्य सामग्री जलकर खाक हो गए। इससे पहले भी इस क्षेत्र में आगजनी की घटनाएं हो चुकी है, इसके बाद भी किसान खेतों पर पड़े पराली को एकत्र करने गंभीर नहीं है। वर्तमान में रबी सीजन के कई एकड़ खेतों में पराली पड़ा हुआ है, जो अब जानलेवा साबित होने लगा है।

मड़ईभाठा के रोपणी में लगी आग

ग्राम पंचायत मड़ईभाठा के ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार तीन से चार दिन पहले यहां मनरेगा, डीएमएफ व 15वें वित्त की लाखों रुपये खर्च कर 15 एकड़ जमीन पर लगाए रोपणी में आग लग गई। आगजनी से यहां लगाए अधिकांश पौधे जलकर खाक हो गए। इस घटना की जानकारी अभी तक शासन तक नहीं पहुंची है। रोपणी में आग किसने लगाई है, इसकी भी जानकारी ग्रामीणों को नहीं है। जबकि इस पौधरोपण के लिए शासन की ओर से करीब 10 लाख रुपये से अधिक खर्च होने की संभावना है।