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किसान नहीं बेचना चाहते अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर, बाजार में मिल रही है अधिक कीमत,गेहूं, की समर्थन मूल्य पर खरीदी अब 31 मई तक

  केंद्र ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और एफसीआई को 31 मई तक गेहूं की खरीद जारी रखने को कहा नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।।  00  ब...

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केंद्र ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और एफसीआई को 31 मई तक गेहूं की खरीद जारी रखने को कहा

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।
असल बात न्यूज़।। 
00  बाजार संवाददाता

गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी की तारीख में अब और  बढ़ोतरी कर दी गई है। अब गेहूं की यह खरीदी आगामी 31 मई तक जारी रहेगी। गेहूं के बारे में बाजार में इस बार एक मजेदार चीज देखने को मिल रही है कि गेहूं का समर्थन मूल्य, बाजार मूल्य की तुलना में कम है। देखा जाता रहा है कि कई जिंसो की बिक्री के लिए किसानों को सरकार के समर्थन मूल्य पर अधिक भरोसा होता है लेकिन इस बार किसान अपना गेहूं, खुले बाजार में बेचने के प्रति अधिक उत्साहित दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि इससे  उन्हें अधिक मुनाफा मिल रहा है। ऐसे में आम किसानों में अपना गेहूं खुले बाजार में बेचने के प्रति अधिक आकर्षण दिख रहा है। किसान मंडियों में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के बजाय उसे खुले बाजार में बेचने पहुंचते दिख रहे हैं। इसके चलते मंडियों में  गेहूं की आवक कम दिख रही है और सरकारों की कोशिशों के बावजूद गेहूं की समर्थन मूल्य पर कम खरीदी हो रही है। दूसरी तरफ रबी सीजन में छत्तीसगढ़ में धान की फसल नहीं लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के बावजूद गेहूं की फसल लेने के प्रति किसानों में अधिक उत्साह नहीं दिख रहा है। छत्तीसगढ़ में तो गेहूं की समर्थन मूल्य पर बिक्री ना के बराबर हुई है। 

देश की विभिन्न मंडियों से जो खबर आ रही है उसके अनुसार देश के लगभग सभी हिस्सों में किसानों को उनके गेहूं का अच्छा मूल्य मिल रहा है। खुले बाजार में समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिल रही है। इसलिए लगभग सभी किसान अपना गेहूं खुले बाजार में बेचने के लिए पहुंच रहे हैं। मंडियों में किसानों की भीड़ ना के बराबर दिखती है। बताया था कि कई मंडियों में तो समर्थकों पर गेहूं की खरीदी काफी कम हुई है। खुले बाजार में गेहूं का मूल्य बढ़ने की वजह बताया जा रहा है कि इस बार गेहूं का बड़ी मात्रा में निर्यात हो रहा है। इसके वजह से खुले बाजार में गेहूं की मांग काफी बढ़ गई है। किसान अपना गेहूं खुले बाजार में बेच रहे हैं और अधिक दाम पर बेच रहे हैं तो देश में भी आम लोगों के लिए गेहूं की कीमत काफी बढ़ जाने की आशंका है।

केंद्र ने गेहूं उत्पादक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को खरीद बंद करने की तारीख 31 मई, 2022 तक जारी रखने के लिए कहा है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एफसीआई को केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीद जारी रखने का भी निर्देश दिया है। विस्तारित अवधि से किसानों को लाभ होने की उम्मीद है। खरीद प्रक्रिया को जारी रखने के लिए राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोधों के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।

इस बीच, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, बिहार और राजस्थान राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में रबी विपणन सीजन 2022-23 में केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीद सुचारू रूप से चल रही है।

पिछले आरएमएस 2021-22 के अनुरूप आगामी आरएमएस 2022-23 के दौरान केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीद कम रही है, जिसका मुख्य कारण एमएसपी की तुलना में अधिक बाजार मूल्य है, जिसमें किसान निजी व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं। केंद्र सरकार ने 13 मई को  गेहूं की ऊंची कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सिवाय अपरिवर्तनीय ऋण पत्र और पड़ोसी/खाद्य-घाटे वाले देशों के अनुरोधों को छोड़कर गेहूं का निर्यात प्रतिबंधित करने का फैसला किया था। 

 

14.05.2022 तक, 180 एलएमटी (आरएमएस 2021-22 के दौरान 367 एलएमटी की इसी खरीद) की खरीद की गई है, जिससे लगभग 16.83 लाख किसानों को एमएसपी मूल्य 36,208 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।

रबी विपणन सीजन 2022-23 के दौरान गेहूँ उपार्जन की राज्यवार संशोधित अंतिम तिथि इस प्रकार है:

राज्य

गेहूँ उपार्जन की अंतिम तिथि

 
 

पंजाब

31.05.2022

 

हरियाणा

31.05.2022

 

उत्तर प्रदेश

15.06.2022

 

मध्य प्रदेश

15.06.2022

 

                 बिहार       

15.07.2022

 

राजस्थान Rajasthan

10.06.2022

 

उत्तराखंड

30.06.2022

 

दिल्ली

31.05.2022

 

गुजरात

15.06.2022

 

हिमाचल प्रदेश

15.06.2022

 

जम्मू और कश्मीर

31.05.2022