Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

दुर्ग शहर पहुंचने पर नगर कीर्तन का भव्य स्वागत,श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहादत को नमन तथा याद किया गया

  दुर्ग। असल बात न्यूज़।। श्री गुरु तेग बहादुर जी के चार सौ वे प्रकाश पर्व की ख़ुशी  एवं 14 अप्रिल के वैसाखी पर्व के अवसर निकले  नगर कीर्तन ...

Also Read

 

दुर्ग।

असल बात न्यूज़।।

श्री गुरु तेग बहादुर जी के चार सौ वे प्रकाश पर्व की ख़ुशी  एवं 14 अप्रिल के वैसाखी पर्व के अवसर निकले नगर कीर्तन का  दुर्ग शहर में आगमन  हुआ।  समूह गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा दुर्ग एवं समूह सिख समाज दुर्ग के द्वारा  नगर कीर्तन का यहां पहुंचने पर राजेंद्र चौक पर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहादत को भी याद किया गया।

 श्री गुरु तेग बहादुर जी के ४०० साला प्रकाश पर्व के उपलक्ष में पूरे छतीसगढ़ में भ्रमण  करते हुए नगर कीर्तन निकाला जा रहा है एवं वैसाखी के उपलक्ष्य  में कुम्हारी गुरुद्वारा साहिब से  नगर कीर्तन शुरू हुआ है।

 

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा दुर्ग एवं समूह सिख समाज दुर्ग ने ठंडा शरबत एवं चने का प्रसाद का वितरण आम आने जाने वाली जनता एवं नगर कीर्तन के साथ चलने वाली संगत को प्रशाद का वितरण किया 

गुरुद्वारा साहिब के पदाधिकारियों ने एवं सिख समाज ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी एवं पाँज प्यारो को फूल माला अर्पण कर उनका स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। 

गुरुद्वारा साहिब के प्रधान सेवादार ने जानकारी दी कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के पास कश्मीरी पंडितो ने अपनी फ़रियाद रखी थी की औरंजेब उन्हें ज़बरदस्ती कर रहा है की इस्लाम धरम अपनाओ पर वो ऐसा नहीं करना चाहते।तब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी जब चिंता में इसका समाधान सोच रहे थे तभी उनके 9 वर्षीय पुत्र बाला प्रीतम गोविंद सिंह ने कहा की अगर किसी के बलिदान से लाखों घर बचते है लाखों संतान यतीम होने से बचते है तो आप एक अकेले अपनी शहीदी ही दे सकते है क्योंकि आप की शहीदी से ही लाखों घर बचेंगे। 

तब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने कश्मीरी पंडितो को कहा की आप लोग निश्चिंत होके जाइए और औरंजेव से बोलिए की अगर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी इस्लाम धरम अपना लेंगे तो हम भी अपना लेंगे। 

इस पर औरंजेव क्रोधित हो कर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का दिल्ली के चाँदनी चौक पे शीश काटने का हुकुम दे दीया और श्री गुरु तेग बहादुर जी ने ख़ुशी ख़ुशी अपनी शहीदी दे दी ताकि कश्मीरी पंडित अपने धरम का ख़ुशी ख़ुशी पालन कर सके और उनके लाखों परिवार खुश रहे आबाद रहे। 

ऐसे बलिदानी महा पुरुष के प्रकाश पर्व पे दो नगर कीर्तन एक जो सिख समाज छतीसगढ़ पूरे छतीसगढ़ में निकाल रहा है एवं एक नगर कीर्तन जो वैसाखी पर्व के उपलक्ष में कुम्हारी से सिख समाज ने मिलकर निकाला है उनका स्वागत रजिंदर पार्क चौक पे किया गया। 

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा दुर्ग से प्रधान सेवादार अरविन्दर सिंघ खुराना, जातिंदर सिंघ( लब्बे),सुखदेव सिंघ(राजू),इंदरपाल सिंघ भाटिया, दल्प्रीत सिंघ भाटिया,सतबीर सिंह भाटिया,रजिंदर पाल सिंघ अरोरा,हरविंदर सिंघ( हरूँ) जस्प्रीत  सिंघ,सतनाम कौर विर्दी,अवतार सिंघ रंधावा,गुरमीत सिंघ भाटिया, भूपिंदर सिंघ (कूक्कु) सतनाम सिंघ भाटिया,बलविंदर सिंह,परमजीत सिंह(लाँगरी),कुलबीर सिंह सलूजा,सूरिंदर सिंह कबरवाल,अमरजीत सिंह खालसा,रघुवीर सिंघ भुईं,महिंदर सिंघ भुईं, बचन सिंघ नागपाल एवं समूह सिख संगत दुर्ग ने नगर कीर्तन मिलकर स्वागत किया।