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भीषण गर्मी के दिनों में शुद्ध पेयजल मिलने लगा तो भर आए ग्राम वासियों की आंखों में आंसू , पीएचई मंत्री गुरु रूद्र कुमार को दिया धन्यवाद

  00  जल जीवन मिशन की योजनाएं गांव गांव में लेकर आ  रही हैं खुशियां  00  गर्मी के दिनों में मिलने लगा पानी  00 जहां घर-घर में नल कनेक्शन नही...

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 00  जल जीवन मिशन की योजनाएं गांव गांव में लेकर आ  रही हैं खुशियां 

00  गर्मी के दिनों में मिलने लगा पानी 

00 जहां घर-घर में नल कनेक्शन नहीं पहुंचा वहां बस्ती में पानी टंकी स्थापित कर पहुंचाया जा रहा है पानी

धमधा, दुर्ग।

असल बात न्यूज़।। 

00 विशेष प्रतिनिधि

वर्षों से जिन गांव के लोगों को पानी नहीं मिल रहा था, गर्मी के दिनों में भी शुद्ध पेयजल ना मिलने और इसे लाने के लिए दूर-दूर तक भटकने के चलते तड़पने के जैसे हालात थे, वहां अब जल जीवन मिशन की योजनाओ के तहत पानी पहुंचने लगा है तो यहां के ग्राम वासियों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए दिख रहे हैं। बड़ा ही अद्भुत नजारा दिखता है कि ग्राम वासियों के गांव में पानी पहुंचा है और खुशी के मारे अनायास ही उनकी आंखें भी छलछला आती हैं । दुर्ग जिले के भी ऐसे ढेर सारे गांव हैं जहां अब जल जीवन मिशन के तहत नल कनेक्शन पहुंचने से गांव के लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल रहा है।इससे  यहां पर अब ग्राम वासियों में खुशियां दिख रही हैं। 

पानी, शुद्ध पेयजल आम लोगों की सबसे बड़ी, प्रमुख मूलभूत सुविधा में से एक है। किसी भी शासन-प्रशासन के लिए लोगों तक यह सुविधा उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता रही है। कभी बजट का अभाव रहा है तो कभी और कई सारे कारण, जिसके चलते अभी भी ढेर सारे स्थानों पर शुद्ध पेयजल की सुविधा पहुंच नहीं  सकी है।अब नई तस्वीर बनती दिख रही है। शासन के द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग  बाहुल्य वाले क्षेत्रों में सबसे पहले पानी पहुंचाने का लक्ष्य तैयार किया गया है। और जब लोक स्वास्थ्य विभाग के मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने स्पष्ट कहा है कि ऐसे क्षेत्रों में सबसे पहले पानी पहुंचने का काम शुरू होना चाहिए, तो स्वाभाविक है कि ऐसे कामो में देरी नहीं हो रही है। विकास की ओर कदम बढ़ चले हैं।

कितनी भीषण असहनीय गर्मी शुरू हो गई है। गर्मी चारों तरफ कहर बरपा रही है। स्वाभाविक रूप से ऐसी गर्मी में आम लोगों की  पहली और सबसे बड़ी जरूरत पानी ही है। पानी के अलावा और किसी भी चीज से गर्मी मिटती महसूस नहीं होती। इतने कठिन दिनों में आज भी दूरदराज के इलाकों में तमाम ऐसे गांव हैं जहां गर्मी के दिनों में स्थानीय रहवासियों को पानी के संकट से गंभीर रूप से जूझना पड़ता है। पानी के लिए भटकना पड़ता है। तपती दोपहरी में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़े तो उन्हें किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। अविभाजित मध्यप्रदेश में बेरला को दुर्ग जिले का टेल एरिया कहा जाता रहा है। जहां के ज्यादातर इलाकों में समुचित रूप से पानी नहीं पहुंच पाने की समस्या निरंतर बनी रही है।  इन क्षेत्रों के लोगों को हमेशा पानी के संकट से जूझना पड़ता रहा है। अब हालात बदल रहे हैं। नई योजनाएं आ गई है। घर-घर तक नल कनेक्शन पहुंच रहे हैं।  इन कार्यों में तेजी लाने की लगातार समीक्षा की जा रही है। इससे अब टेल एरिया माने जाने वाले इस इलाके के तमाम गांव में लोगों को आसानी से शुद्ध पेयजल मिल रहा है। यही के पंडरीतराई,गिहरोला इत्यादि ग्राम पंचायत क्षेत्रों में बड़ी  टंकी स्थापित कर सबमर्सिबल पंप से पानी पहुंचाना शुरू किया गया है। जिससे लोगों को सरल रूप से पानी मिलने लगा है। लोगों की पानी की समस्या हल हो गई है। मूलभूत सुविधाएं मिल जाने पर लोगों को कितनी खुशियां मिलती हैं, इसका अंदाजा, शुद्ध पेयजल मिलना शुरू हो जाने के बाद यहां के लोगों के चेहरे की खुशियों को देखकर लगाया जा सकता है। लोग बस यही कहते हैं यह सुविधा निरंतर चालू रहनी चाहिए। 

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दुर्ग जिले के कार्यपालन अभियंता समीर शर्मा ने बताया कि जल जीवन मिशन का काम पूरे जिले में  तेज गति से चल रहा है। इसके तहत घर-घर नल कनेक्शन प्राथमिकता पूर्वक दिया जा रहा है। जिले में यह काम 70% से अधिक पूरा कर लिया गया है। ग्रामीण इलाकों की अनुसूचित जाति जनजाति बाहुल्य बस्तियों में स्थिर नल जल योजना के तहत टैंक स्थापित कर पानी प्रदान किया जा रहा है। बस्तियों के लिए यह योजना काफी लाभदायक साबित हो रही है। 

हमारी टीम पेंडरीतराई ग्राम पंचायत के वार्ड क्रमांक 11 गायकवाड बस्ती में पहुंचती है। इस बस्ती में ज्यादातर खपरैल वाले घर बने हुए हैं। लोग रोजी मजदूरी कर अपना जीवको पार्जन करते हैं। हमारी टीम के लोगों ने जब यहां की महिलाओं से पानी के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि बाबू अब टंकी लगे है। पानी मिलने लगा है। इनमें से रेशम कुर्रे ने बताया कि हमें पीने का पानी लाने के लिए दूर दूर तक जाना था पड़ता था। मुख्य सड़क को पार करना पड़ता था। जिससे दुर्घटना भी हो जाती थी। अब हम खुश हैं कि पानी टंकी हमारे गांव में पहुंच गई है। पानी आ रहा है। सरकार से बस यही निवेदन है कि यह बंद नहीं होना चाहिए।