नई दिल्ली। असल बात न्यूज़।। पूर्व -कोविड संकट के पूर्व वित्तीय वर्ष (2019-20) में हवाई यात्रियों की औसत संख्या लगभग 4 लाख प्रति दिन थी। 6...
पूर्व-कोविड संकट के पूर्व वित्तीय वर्ष (2019-20) में हवाई यात्रियों की औसत संख्या लगभग 4 लाख प्रति दिन थी। 6 मार्च 2022 को, भारत में घरेलू एयरलाइनों ने लगभग 3.7 लाख यात्रियों को ढोया। दैनिक हवाई यात्रियों की संख्या कुछ महीनों में पूर्व-सीओवीआईडी स्तर को पार कर सकती है।
सरकार ने भविष्य में विमानन क्षेत्र में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें से कुछ में निम्नलिखित शामिल हैं:
(i) एएआई ने लगभग रु। के अनुमानित पूंजीगत व्यय के साथ नए और मौजूदा हवाई अड्डों का विकास किया है। अगले पांच साल में 25,000 करोड़ रु. इसमें नए टर्मिनलों का निर्माण, मौजूदा टर्मिनलों का विस्तार और संशोधन, मौजूदा रनवे, एप्रन, एयरपोर्ट नेविगेशन सर्विसेज (एएनएस) इंफ्रास्ट्रक्चर, कंट्रोल टावर और तकनीकी ब्लॉक आदि का विस्तार और/या मजबूती शामिल है।
(ii) दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) हवाई अड्डे लगभग रु. 2025 तक 30,000 करोड़ रुपये। इसके अतिरिक्त, रु। पीपीपी मोड के तहत देश भर में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकास में निवेश के लिए 36,000 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है।
(iii) भारत सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए 'सैद्धांतिक' अनुमोदन प्रदान किया है। अब तक आठ ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे नामत: महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग और शिरडी, पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर, सिक्किम में पकयोंग, केरल में कन्नूर, आंध्र प्रदेश में ओर्वाकल, कर्नाटक में कालाबुरागी और उत्तर प्रदेश में कुशीनगर का संचालन किया जा चुका है।
(iv) क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के तहत - उदय का आम नागरिक (उड़ान), 31 जनवरी, 2022 तक 65 हवाई अड्डों (8 हेलीपोर्ट्स और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित) को जोड़ने वाले 403 मार्गों को चालू कर दिया गया है।
(v) घरेलू रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सेवाओं के लिए माल और सेवा कर (जीएसटी) की दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई है।
(vi) एक अनुकूल विमान पट्टे पर देने और वित्तपोषण वातावरण सक्षम किया गया है।
(vii) भारतीय हवाई अड्डों पर हवाई नौवहन के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जा रहा है।
एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी का मुद्दा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ उठाया गया है। निम्नलिखित 11 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों ने एटीएफ पर वैट को 5% से कम कर दिया है:
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादर और नगर हवेली और दमन और दीव, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड।
यह जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री (जनरल (डॉ.) वीके सिंह सेवानिवृत्त) ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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