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वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला करने 8600 करोड़ से अधिक राशि

    पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (एमपीएफ) की अम्ब्रेला योजना रहेगी जारी , भारत सरकार ने दी स्वीकृति पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और सुधार के कदम आगे...

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 पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (एमपीएफ) की अम्ब्रेला योजना रहेगी जारी , भारत सरकार ने दी स्वीकृति

पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और सुधार के कदम आगे रहने जारी

की स्वीकृति 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए रु 
26,275 करोड़ का कुल केंद्रीय वित्तीय परिव्यय

वामपंथी उग्रवाद को नियंत्रित करने की नई योजना से छत्तीसगढ़ को भी फायदा मिलने की उम्मीद

 नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ ।

असल बात न्यूज़।।

देश में सरकार ने पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (एमपीएफ) की अम्ब्रेला योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है। 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए अनुमोदित इस योजना से पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और सुधार के कार्यक्रमों के बढ़ाए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह की पहल पर इन कार्यों को स्वीकृति मिल सकी है। इस योजना के तहत लगभग  26,275 करोड़ रुपये के कुल केंद्रीय वित्तीय परिव्यय के कार्य योजना तैयार की गई है।

 इस योजना के तहत सुरक्षा, कानून व्यवस्था, पुलिस द्वारा आधुनिक तकनीक को अपनाने, मादक पदार्थों पर नियंत्रण के लिए राज्यों की सहायता और देश में एक मजबूत फोरेंसिक व्यवस्था विकसित करके आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने की योजना का प्रावधान किया गया है। वही राज्यों के पुलिस बल का आधुनिकीकरण किया जाएगा जिसके लिए  4, हजार 846 करोड़ रुपये का केंद्रीय परिव्यय का प्रावधान किया गया  है।

 इसमें फॉरेंसिक विज्ञान सुविधाओं पर के विकास पर भी फोकस किया गया है। पुलिस के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए फॉरेंसिक क्षमताओं को विकसित करना आवश्यक हो गया है। उसके लिए लगभग 2000 करोड़ से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है। संसाधनोंके आधुनिकीकरण के माध्यम से वैज्ञानिक और समय पर जांच में सहायता के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में परिचालन रूप से स्वतंत्र उच्च गुणवत्ता वाली फोरेंसिक विज्ञान सुविधाओं के विकास के लिए 2,080.50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ फोरेंसिक क्षमताओं के आधुनिकीकरण के लिए  केंद्रीय योजना को मंजूरी दी गई है।

 

  1. केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर, उग्रवाद प्रभावित उत्तर पूर्वी राज्यों और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों के लिए सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए 18,839 करोड़ रुपये का केंद्रीय परिव्यय निर्धारित किया गया है।

 

  1. पिछले वर्षों के दौरान विभिन्न राज्यों में वामपंथी उग्रवाद में कमी आई है। इसके पीछे मुख्य कारण यही मनाय जाता है कि जो नई योजना पर काम किया जा रहा है वह काफी असरकारक साबित हुई है। वामपंथ उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए 'राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना' के कार्यान्वयन के साथ, वामपंथी उग्रवाद की हिंसा की घटनाओं में भारी कमी आई है। इस उपलब्धि को आगे बढ़ाने के लिए, 8,689 करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ वामपंथी उग्रवाद से संबंधित छह योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन योजनाओं में लाभ को समेकित करने के लिए अधिकांश वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों और चिंता के जिलों को विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) शामिल है।

 

  1. भारतीय रिजर्व बटालियनों/विशेष भारतीय रिजर्व बटालियनों की स्थापना के लिए 350 करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय को मंजूरी दी गई है।

 

  1. 50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 'नारकोटिक्स नियंत्रण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता' की केंद्रीय क्षेत्र की योजना को जारी रखा गया है।