Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

दम तोड़ती दिख रही हैं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की योजनाएं, सहकारी बैंकों से केसीसी से ऋण नहीं मिलने से मत्स्य पालकों के के टूट रहे हैं सपने

  दुर्ग । असल बात न्यूज़।।  केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन के लिए प्रोत्साहित करने तथा फायदा पहुंचाने के लिए ब...

Also Read

 दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।। 

केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन के लिए प्रोत्साहित करने तथा फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई तमाम योजनाएं धरातल पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रही हैं और मत्स्य पालकों को उनका फायदा नहीं मिल रहा है। दुर्ग जिले में मत्स्य पालको और मछुआ सहकारी समितियों को सहकारी बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड से लोन नहीं मिल रहा है। ऐसे में इन हितग्राहियों का अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने का सपना अधर में लटकता दिख रहा है और उनके सपने साकार होने से पहले ही टूटते दिख रहे हैं। इसके चलते जिले में मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन के लिए प्रोत्साहित करने जो योजना बनाई गई है उसका भी लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है।

राज्य में पिछले दिनों कृषि उत्पादन आयुक्त के द्वारा सभी जिले के कलेक्टर, साहब जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और मछली पालन विभाग के उपसंचालको को पत्र लिखकर भारत सरकार के द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मछुआरा समितियों, हितग्राहियों को ऋण उपलब्ध कराने की शुरू की गई योजना का फायदा दिलाने को कहा गया है। इसके लिए जिला स्तर पर होने वाली डीएलबीसी की बैठक में आवश्यक रूप से चर्चा करने तथा बैंक प्रबंधकों को ऋण प्रदान करने हेतु अनिवार्य रूप से जानकारी उपलब्ध कराने को भी कहा गया है। परंतु कहा जा रहा है कि इस मामले में बैंक प्रबंधन का जैसा सहयोग मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है। इससे बैंकों में मत्स्य पालन लोन के लंबित प्रकरणों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

राज्य शासनके   द्वारा मछली पालन व्यवसाय में मछली पालक किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के उद्देश्य से मछली पालन को कृषि का    दर्जा दिया गया है।,मछली पालकों को हितकारी योजनाओं और तकनीकी सहयोगों से भी लाभान्वित किया जा रहा है। शासन के सहयोग और मार्गदर्शन के कारण मछली पालक किसान मछली पालन व्यवसाय में लाभ कमाने के लिए प्रोत्साहित होकर मछली पालन करने के लिए आगे  रहे हैं। कोरबा जिले में भी मछली पालक किसानों का दायरा बढ़ रहा है।, जिले के मछली पालक किसानों को मछली पालन व्यवसाय से अधिक लाभ दिलाने के लिए अधिक जलक्षेत्र को मछली पालन के लिए विकसित किया जा रहा है। मत्स्य पालन की दृष्टि से दुर्ग जिले में पर्याप्त जल संसाधन उपलब्ध हैं। 

 लेकिन जब सपनों को साकार करने के बात आती है, तो कुशल श्रम मेहनत के साथ कई सारे आधारभूत संसाधनों की आवश्यकता महसूस होती है। उसी में आर्थिक जरूरत भी सबसे पहले है। केंद्र सरकार के द्वारा मछुआरा समितियों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने की योजना प्रारंभ की गई है। लेकिन बताया जा रहा है कि दुर्ग जिले में बैंकों के चक्कर काटते - काटते इस योजना का मत्स्य पालकों को फायदा नहीं मिल रहा है। बैंकों से योजना के तहत 1 एकड़ क्षेत्र में मछली पालन करने वाले मत्स्य पालकों को 1% ब्याज पर अधिकतम डेढ़ लाख रुपए और 3 हेक्टेयर क्षेत्र में मत्स्य पालन करने पर 3% की ब्याज दर से 16 महीने के लिए प्रवीण मिल सकता है। दुर्ग जिले में जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष के दौरान 82 समितियों ने इस लोन के लिए आवेदन किया है। लेकिन इसमें से आधे से अधिक मामले अभी भी लंबित है। ऐसे में किसानों की मत्स्य पालन की योजनाएं शुरू नहीं हो पा रहे हैं और ये योजनाएं सिर्फ सपनों में जिंदा रह गई हैं।

मत्स्य पालकों को हो रही इन दिक्कतों के बारे में पूछे जाने पर विभाग के अधिकारी ने बताया कि हम बैंक प्रबंधन से बातचीत कर रहे हैं और समस्या का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि वर्ष 2021 22 के 10 महीने बीत चुके हैं और मत्स्य पालकों को उनके ऋण के प्रकरण स्वीकृत नहीं होने से उन्हें अपनी योजना शुरू करने में ढेर सारी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है और मत्स्य पालन कर बड़ी आम  आमदनी कमाने की उनकी योजना अभी। सपने में ही जिंदा रह गई है।


असल बात न्यूज़

सबसे तेज, सबसे विश्वसनीय 

अपने आसपास की खबरों के लिए हम से जुड़े रहे , यहां एक क्लिक से हमसे जुड़ सकते हैं आप

https://chat.whatsapp.com/KeDmh31JN8oExuONg4QT8E

...............

................................

...............................

असल बात न्यूज़

खबरों की तह तक, सबसे सटीक , सबसे विश्वसनीय

सबसे तेज खबर, सबसे पहले आप तक

मानवीय मूल्यों के लिए समर्पित पत्रकारिता