Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

मजेदार चुनाव, स्थानीय निकाय चुनाव । भाव बढ़ाने की कोशिशो में लगे हैं बागी, लगातार शक्ति प्रदर्शन

  भिलाई।   असल बात न्यूज़।।    00  asal baat local        election special राजनीति से जुड़े लोगों ने देखा है कि स्थानीय निकाय की सत्ता कितनी...

Also Read

 भिलाई।

 असल बात न्यूज़।। 

 00  asal baat local        election special

राजनीति से जुड़े लोगों ने देखा है कि स्थानीय निकाय की सत्ता कितनी ताकतवर और फायदेमंद हो सकती है या बनती जा रही है और इससे किस तरह से कितना फायदा उठाया जा सकता है। यहां लोगों ने स्थानीय सत्ता में काबिज होने के बाद कईयों को धनसाली, बलशाली बनते देखा है।  ऐसे में स्थानीय निकाय के यहां  जब अभी चुनाव हो रहे हैं तो इसकी सत्ता तक पहुंचने के लिए जमकर जोर आजमाइश, शक्ति प्रदर्शन,और विरोधियों को किसी तरह से किसी ना किसी तरह से पटखनी देने का दौर चल रहा है। स्थानीय सत्ता में कब्जा जमाने की ऐसी होड़ लगी हुई है कि पार्टियों के व्हिह्प की परवाह न करते हुए राजनीतिक दलों से जुड़े, लोग टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर चुनाव मैदान में उतर आए हैं। लोगों को पता नहीं कैसे यह समझ  आ गया है कि पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरने पर उनको चुनाव मैदान से वापस बुलाने  उनकी खरीददारी के लिए बड़ी बोली लग सकती है और ऐसी ही मानसिकता के साथ कई लोग अपना भाव बढ़ाने के लिए जोरदार शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिशों में लगे हुए हैं तथा वे यह बताने, संदेश देने में लगे हुए  हैं कि वह नहीं जीतेंगे तो अपने वार्ड से पार्टी प्रत्याशी को भी जीतने नहीं देंगे। लेकिन दिक्कत यह है कि ऐसे बागी लोगों की बात ना भाजपाई खेमे में सुनी जा रही हैं  और ना ही कांग्रेसी खेमे में।

 दुर्ग जिले में स्थानीय निकाय का सबसे बड़ा चुनाव हो रहा है। मुख्य राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस में इस बार काफी मंथन, विचार विमर्श तथा नई रणनीति के साथ टिकट दी है। राजनीतिक दलों के लोगों को समझ आ गया है कि नए चेहरे पर दांव लगाना जरूरी हो गया है। पुराने चेहरों की जैसी अब प्रतिष्ठा बन गई है वे सब  घिस पिटकर,अब चुनाव जीतने लायक नहीं  रह गए हैं। ऐसे में पुरानी कई चेहरों की टिकट काट दी गई है। मजेदार बात है कि टिकट मांगने में ऐसे लोग भी काफी आगे नजर आए हैं जो कि बार-बार पार्टियां बदलते रहे हैं अथवा जिनकी उनके मोहल्लों में ही उनकी करतूतों से प्रतिष्ठा तार-तार हो चुकी है। पार्टियों को यह समझ में आ गया और भारी शक्ति प्रदर्शन के बाद भी ऐसे लोगों को किसी पार्टी ने टिकट नहीं दी, अथवा पूरी दमदारी के साथ ऐसे लोगों की टिकट काट दी गई। आम लोगों को भी ऐसा आभास नहीं था कि राजनीतिक पार्टियां टिकट वितरण में ऐसे कड़े निर्णय ले सकती हैं। 

 जानकार लोगों के लिए इशारा काफी है और वे समझ गए होंगे कि ऐसी चर्चाएं किनके  बारे में हो रही है। चुनाव चिन्ह वितरण के दौरान भी ऐसे लोगों के सहयोगी कानाफूसी करते नजर आए कि पार्टियां भाव नहीं दे रही हैं तो अपना भाव बढ़ाने क्या किया जाना चाहिए। आखिर भाव कैसे बढ़ाया जा सकता है। दिक्कत यह भी है कि ऐसे लोगों के साथ कई अन्य अधिक जागरूक लोग भी जुड़े हुए हैं जो अपने लोगों को समझाते जैसे दिख रहे हैं कि जब तक भाव नहीं बढ़ेगा, चुनाव से नाम वापस मत लेना । अब दिक्कत यह है कि राजनीतिक पार्टियां तो ऐसे लोगों को घास डाल ही नहीं रही हैं। तो कहीं ना कहीं इस चुनाव में वसूली के मंसूबे धरे के धरे रह जा रहे हैं। सभी को यह भी देखा है कि स्थानीय निकाय के चुनाव से ही वसूली करने वाले कई गैंग तैयार हुए हैं।

बागी प्रत्याशियों में यह डर भी बना हुआ है कि वे चुनाव हार गए तो कोई पार्टी क्या उन्हें वापस अपने पास  ले लेगी। लग रहा है कि भाव बढ़ने की उम्मीद है तो दूसरी तरफ डर भी बराबर बना हुआ है। स्थानीय निकाय के चुनाव में तो आम जनता अपने मोहल्ले के ऐसे नेताओं को उनकी करतूतों का मजा चखाने करने तैयार बैठी है। बार-बार पार्टी बदलकर लाभ उठाने, मतदाताओं को भावनात्मक तरीके से बरगलाने की कोशिशों में लगे रहने वाले तथाकथित नेताओं को अब यह भी सोचना पड़  रहा है कि उनकी ऐसी रणनीति, प्लानिंग आगे चल पाएगी कि नहीं।



स्थानीय निकाय के चुनाव पर प्रदेशभर से लगातार विशेष रिपोर्ट


असल बात न्यूज़

सबसे तेज, सबसे विश्वसनीय 

अपने आसपास की खबरों के लिए हम से जुड़े रहे , यहां एक क्लिक से हमसे जुड़ सकते हैं आप

https://chat.whatsapp.com/KeDmh31JN8oExuONg4QT8E

...............................

असल बात न्यूज़

खबरों की तह तक, सबसे सटीक , सबसे विश्वसनीय

सबसे तेज खबर, सबसे पहले आप तक

मानवीय मूल्यों के लिए समर्पित पत्रकारिता

................................

...................................