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जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने पर छत्तीसगढ़ में भी हर्ष, भाजपा की लता उसेंडी ने किया स्वागत

  आदिवासी वर्ग का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान , संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को जन जन तक पहुंचाने के  लिए 15 नवंबर से ...

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आदिवासी वर्ग का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान , संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को जन जन तक पहुंचाने के  लिए 15 नवंबर से 22 नवंबर  तक बिरसा मुंडा  जयंती समारोह आयोजित किया जाएगा

नई दिल्ली।
असल बात न्यूज।।
 केन्‍द्र सरकार के द्वारा  15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस  घोषित किए जाने का छत्तीसगढ़ में भी जोरदार तरीके से स्वागत किया जा रहा है तथा कहा गया है कि इससे आने वाली पीढ़ियां आदिवासी स्‍वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी मिल सकेगी। भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री लता उसेंडी ने भी इस पर प्रशंस व्यक्त करते हुए इसका जोरदार तरीके स्वागत किया है। उन्होंने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि देश की आजादी की लड़ाई के दौरान छत्तीसगढ़ में भी जनजातिय वर्ग के लोगों ने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का  भारी विरोध किया और स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में यहां के लोगों का बड़ा योगदान रहा है। लेकिन इस बारे में कई सारी जानकारियां सामने नहीं लाई गई है।
 भाजपा नेत्री लता उसेंडी ने कहा है कि आदिवासी समुदायों का पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी आंदोलनों को राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ते हुए आम लोगों कोई से जोड़ा गया।  हालांकि, सुदर्शन में हिस्सा लेने वाले जनजाति वर्ग के लोगों के आंदोलन का अधिक प्रचार-प्रसार नहीं हुआ और आम लोगों तक  इन आदिवासी नायकों के बारे में  जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। 

उन्होंने कहा कि 15 नवंबर को श्री बिरसा मुंडा की जयंती है, जिन्हें देश भर के आदिवासी समुदायों द्वारा भगवान के रूप में सम्मानित किया जाता है। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था की शोषक व्यवस्था के खिलाफ देश के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और 'उलगुलान' (क्रांति) का आह्वान करते हुए ब्रिटिश दमन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया। केंद्र सरकार ने उनके जन्मदिवस को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।  यह दिवस हर साल मनाया जाएगा।इससे जनजाति वर्ग की वीरता, स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में योगदान और सांस्कृतिक विरासत के बारे में लोगों को जानने में मदद मिलेगी और यह कार्यक्रम जनजाति वर्ग की वीरता को  राष्ट्रीय गौरव प्रदान करेगा। 

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने आदिवासी लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने  के लिए 15 नवंबर से 22 नवंबर 2021 तक सप्ताह भर चलने वाले समारोहों की योजना बनाई है।इस दौरान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों की उपलब्धियों, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, बुनियादी ढांचे में भारत सरकार द्वारा किए गए विभिन्न कल्याणकारी उपायों को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ अद्वितीय आदिवासी सांस्कृतिक विरासत, स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान, प्रथाओं, अधिकारों, परंपराओं, व्यंजनों, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका को भी प्रदर्शित किया जाएगा।