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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सहा कुश के सोटे का प्रहार,,प्रदेश के नागरिकों की मंगल कामना के लिए

  *-ग्राम जंजगिरी में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया मुख्यमंत्री ने दुर्ग । असल बात न्यूज।। परंपरा के मुताबिक मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ...

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*-ग्राम जंजगिरी में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया मुख्यमंत्री ने

दुर्ग ।

असल बात न्यूज।।

परंपरा के मुताबिक मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हर साल प्रदेश की मंगल कामना और शुभ के लिए तथा विघ्नों के नाश के लिए कुश से बने सोटे का प्रहार सहते हैं। उन्होंने इस। साल भी ग्राम जंजगिरी में  इस परंपरा का निर्वहन किया । यहां के ग्रामीण श्री बीरेंद्र ठाकुर ने उन पर सोटे का प्रहार किया। इस परंपरा के संबंध में ग्रामीण बताते हैं कि यह परंपरा है कि इस तरह सोटे का प्रहार विघ्नों का नाश करने वाला है, साथ ही सुख और समृद्धि लेकर आता है।

 मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्रामीणों से कहा कि हर साल श्री भरोसा ठाकुर प्रहार करते थे। अब यह परंपरा उनके पुत्र श्री बीरेंद्र ठाकुर निभा रहे हैं। ग्रामीणों से चर्चा में उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा गोवंश की समृद्धि की परंपरा की पूजा है जितना समृद्ध गोवंश होगा उतना ही हमारी तरक्की होगी। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा इतनी लोकप्रिय होती है। लोग साल भर इसका इंतजार करते हैं एक तरह से यह पूजा गोवंश के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक भी है। हर साल आप लोगों के बीच मैं सुबह-सुबह पहुंचता हूं और मुझे बहुत खुशी होती है। गोवर्धन पूजा लोक के उत्सव की परंपरा है। हमारे पूर्वजों ने बहुत सुंदर छोटी-छोटी परंपराओं का सृजन किया और इन परंपराओं के माध्यम से हमारे जीवन में उल्लास भरता है। आज आप सबके बीच पहुंचकर और इस हर्षित जनसमूह को देखकर मेरा मन भी हर्ष से भर गया है। गोवर्धन पूजा और गौरा गौरी पूजा मिट्टी के प्रति गहरे अनुराग का उत्सव है। उल्लास से भरे आप लोगों के चेहरे देखकर अनुभव होता है कि हमारा प्रदेश सांस्कृतिक रूप से कितना समृद्ध है और हम इस सांस्कृतिक समृद्धि को किस तरह धरोहर के रूप में सहेजे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अपनी माटी की अस्मिता को सहेजना उसका संवर्धन करना हम सब का कर्तव्य है। कितनी सुंदर परंपराएं हमारे छत्तीसगढ़ की है। इस बात की आशंका थी कि धीरे-धीरे यह परम्परायें कहीं विस्मृत न हो जाएं। ग्रामीणों से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यह संकल्प लिया कि अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को अपनी व्यवस्था में शीर्षस्थ स्थान देंगे क्योंकि परंपरा से हमारा अस्तित्व भी है परंपरा से हमारे मूल्य भी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी ग्रामीण संस्कृति के पर्व कृषि को बढ़ावा देने वाले पर्व हैं। पर्व के माध्यम से हम जमीन से जुड़ते हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गौरा गौरी पूजा में भी भाग लिया तथा आए हुए लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इतना सुंदर पूजन और इसके पश्चात पर्व के उल्लास की अभिव्यक्ति आप लोग कर रहे हैं। आप लोगों के बीच आना मुझे हमेशा आनंदित करता है और मैं हमेशा इस अवसर का इंतजार करता हूं, इस अवसर पर मैं कामना करता हूं कि हमारा प्रदेश निरंतर तरक्की की राह पर आगे बढ़े। आपके जीवन में खुशियां आए। आपके लिए मैं मंगल कामनाएं करता हूं।