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धान के खेतों से, मेंडो से, पगडंडियों से, ऐसे गुजर रही है सांसद विजय बघेल की पदयात्रा रैली

  पाटन, दुर्ग। असल बात न्यूज़।। 0 विशेष संवाददाता। राज्य में फिलहाल तो अभी कहीं भी कोई चुनाव नहीं है लेकिन दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड में स...

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 पाटन, दुर्ग।

असल बात न्यूज़।।

0 विशेष संवाददाता।

राज्य में फिलहाल तो अभी कहीं भी कोई चुनाव नहीं है लेकिन दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड में सांसद विजय बघेल के नेतृत्व में निकली भारतीय जनता पार्टी की जन जागरण पदयात्रा गांव गांव में लोगों को चुनावी माहौल के जैसा एहसास करा रही है। इस राज्य में अभी संभवत 2 साल के पहले कोई चुनाव नहीं होने वाले हैं और 2 साल बाद सीधे विधानसभा के चुनाव होंगे, लेकिन जन जागरण यात्रा रैली जहां पहुंचती है ग्रामीणों में उसे देखने सुनने के लिए उत्सुकता नजर आती है तो वहा एक अलग राजनीतिक तस्वीर बनती भी दिखती है। पद यात्रा रैली में  भारतीय जनता पार्टी के प्रचार, नारों और भक्ति पूर्ण गीतो की धुन बजाते डीजे पार्टी आगे आगे चल रही है। यह ग्रामीणों को और अधिक आकर्षित करती है। पदयात्रा, धान के खेतों से, मेंड़ों से पगडंडियों से, गांव गांव से होते हुए आगे बढ़ रही है। पद यात्रा रैली की निश्चित गांव में सभाएं होती हैं। सांसद विजय बघेल जनसभा में राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को विभिन्न मुद्दों को लेकर कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। लोगों को लग रहा है कि इससे उन्हें अपनी और अपने आसपास की समस्याओं को सुनने और समझने का अवसर  मिल गया है। रैली के साथ राज्य सरकार की कमियों को उघाड़ने की पूरी कोशिश की गई है।

सितंबर महीने में हुई बारिश ने खेतों में धान की फसल को संभाल दिया है। इस साल इस सीजन में शुरुआती महीने में अल्प वर्षा होने से धान की फसल को जो नुकसान होने की आशंका थी, उसका प्रतिशत अब काफी कुछ घट गया है। सितंबर महीने में जितनी  बारिश हुई है कि तलाब भी काफी कुछ लबालब भर गए हैं। धरती पर हरियाली बढ़ गई है। धान की फसल को इतना पानी मिल गया कि फसल खड़ी हो गई है और पकने के लिए बढ़ रही है। ऐसे में किसानों में खुशी है और इस समय उनका खेती किसानी का काम काफी कुछ निपट गया है।वे फसल के पकने का इंतजार कर रहे हैं। पानी गांव के किसान ने बताया कि इस साल फसल अच्छी है। इसे साल जहां 3 एकड़ खेत में गाड़ा धान होता था इस बार 4 गाड़ा धान होने की उम्मीद है। किसानों के पास अधिक काम नहीं होने की वजह से गांव में भी भीड़ दिख रही है क्योंकि लोग खेती किसानी के काम से फुरसत पाकर खाली  हैं। ऐसे में जब जन जागरण यात्रा गांव में पहुंचती है तो लोगों की भीड़ उसका स्वागत करने के लिए खड़ी दिखाई देती है। धान के खेतों से उठ रहे सुवासित महक सानू का मन प्रसन्नता से भर दे रही है तो वही ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी उसका नजर आती है कि आखिर जन रैली में आखिर क्या बताया जा रहा है। सितंबर महीने में अच्छी बारिश हुई है लेकिन इस समय भी गर्मी अभी भी तेज पड़ रही है। जन जागरण यात्रा में शामिल कार्यकर्ता तपती दुपहरी में निकल रहे हैं तो उनके चेहरों से पसीना निकलता साफ दिख रहा है। गर्मी उमस और लंबी यात्रा थका देने वाली है लेकिन ऐसी कठिनाइयों को झेलते हुए भी जन जागरण यात्रा रैली आगे बढ़ रही है। अभी क्षेत्र में दूसरे राजनीतिक दलों की बहुत अधिक सक्रियता नहीं है इसलिए इस कार्यक्रम के साथ भारतीय जनता पार्टी ने यहां लोगों के बीच पहुंचने, उन्हें अपनी और आकर्षित करने तथा सरकार को कटघरे में खींचने में बाजी मारने की कोशिश की है। इस रैली में महिलाओं को भी अधिक से अधिक संख्या में शामिल करने की कोशिश की गई है इसलिए ग्रामीण इलाकों में जब या रैली पहुंचती है तो वहां भी ग्रामीण महिलाओं की टीम भी इससे जुड़ रही है। अभी नवरात्रि पर्व चल रहा है। मां दुर्गे जगह जगह विराजमान हैं। गांव गाव में मां दुर्गे की भक्ति के गीत गूंज रहे हैं ।ऐसे में रैली की सभा दुर्गा पंडालों में ही होती दिख रही है। वहां श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होने से इसका रैली को अलग  फायदा मिल रहा है।

गर्मी के दिनों में पदयात्रा कठिन हो जाती है। यह अक्टूबर महीने के दूसरे सप्ताह का समय है लेकिन दोपहर में अभी भी उमस भरी बेचैन कर देने वाली गर्मी पड़ रही है। ऐसे में अगर आज शाम में शामिल लोगों को जिसे दिल से बेचैनी होती है और बार-बार पानी पीने की जरूरत पड़ती है। लेकिन ऐसी कठिनाइयों के बावजूद पदयात्रा पूरी करनी है तो बिना रुके चलना है। सांसद विजय बघेल ने बताया पहले दिन से ही हमारे साथ भारी भीड़ जुट रही है। हमें अपने पैतृक गांव बेलोदी से  अपने कुल देवी देवता की पूजा अर्चना से यात्रा की शुरुआत की। पहले दिन से ही लोगों का इसे आम लोगों, गांव के लोगों का इतना भारी समर्थन मिला है कि हमारा उत्साह चौगुना बढ़ गया है। और गांव में जिस तरह से स्वागत किया जा रहा है पदयात्रा में शामिल सभी लोगों की थकान दूर हो जाती है।

पदयात्रा रैली ने 3 दिनों में लगभग 100 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है। एक दिन में लगभग 35 से 40 किलोमीटर चला जा रहा है। देर रात जहां  पहुंचते हैं उसी गांव में पदयात्रा का पड़ाव होता है और सभी उसी गांव में विश्राम करते हैं। दोपहर में किसी न किसी गांव में गांव वालों के द्वारा ही भोजन की व्यवस्था कर दी जाती है ऐसे ही रात का भोजन भी किसी गांव वाले के द्वारा ही उपलब्ध करा दिया जाता है। जो मिला उसी को ग्रहण कर सब संतुष्ट हो जाते हैं। पदयात्रा रैली में कार्यकर्ताओं की निष्ठा और समर्पण भावना और एकजुटता भी स्पष्ट दिखती है। शायद यही पदयात्रा के रास्ते में आने वाली कठिनाइयों को सहने की ताकत भी दे रही है। कार्यकर्ताओं ने हमसे बातचीत में कहा कि हमें जो लक्ष्य दिया गया है हम उस पर काम कर रहे हैं। समस्याएं तो होती ही हैं।

पदयात्रा के साथ विभिन्न कार्यक्रम में चल रहे हैं। किसी गांव में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पार्टी में शामिल हो रहे हैं तो कहीं सांसद श्री विजय बघेल से विकास कार्यों का लोकार्पण का भूमि पूजन भी कराया जा रहा है।

पाटन विधानसभा क्षेत्र में पदयात्रा रैली निकली है तो स्वाभाविक तौर पर सांसद विजय बघेल  सभाओं में अपने उद्बोधन में पाटन की समस्याओं का ही अधिक से अधिक जिक्र कर आम ग्रामीणों के दिल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।वे यहां की समस्याओं को उठाते हैं तो सभा में मौजूद ग्रामीणों से हूंकारी भी भरा लेते हैं। अपने संबोधन में वे कर्ज माफी, और धान के बोनस के मुद्दे को भी जरूर उठाते हैं और ग्रामीणों से पूछते हैं कि इसका फायदा वास्तव में किसी को नहीं मिला है। सांसद जगह बताते हैं कि बोनस की पूरी किस्त अभी भी किसानों को नहीं मिली है तो ग्रामीण भी इस पर हां में हां मिलाते हुए बताते हैं कि उनके गांव में भी कई किसानों को नहीं मिली है इसकी पूरी किस्त। सांसद विजय बघेल कांग्रेस की पूर्ण शराब बंदी के वादे पर भी राज्य सरकार पर जमकर प्रहार कर रहे हैं। राज्य में शराबबंदी तो नहीं हुई है यह तो सबको मालूम है। विपक्ष को राज्य सरकार को कटघरे में खड़े करने के लिए यह सबसे बड़ा हथियार मिल गया है। सांसद विजय बघेल भी इस हथियार से राज्य सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं। वे सभा में उपस्थित गुजर ग्रामीणों और महिलाओं से पूछते हैं क्यों नहीं की गई पूर्ण शराबबंदी। वे कहते हैं शराब बंदी की बात तो दूर है गांव गांव में कोचिए शराब बेच रहे हैं। कोचियो पर  अवैध रूप से शराब बेचने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।