उन्होंने अस्पताल में उपचार केे दौरान विगत 36 घण्टे में हुए 5 नवजातों की मृत्यु के मामले में राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों एवं चिकित्सकों से विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिस भी स्तर पर कमियां महसूस की जा रही है उसे दुरूस्त कर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उलब्ध कराएं। प्री मैच्योर बच्चों के जन्म के कारण तथा वजन में कमी के कारणों का गहन अध्ययन करें। गर्भवती महिलाओं में खून की कमी दूर करने की आवश्यकता है। इसके लिए गर्भधारण के समय से ही खून की कमी को दूर करने आवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराएं।

    श्री सिंहदेव ने कहा कि नवजात शिशुओं के मृत्यु के मामले की जांच हेतु राज्य स्तरीय टीम गठित कर दी गई है जो कुछ ही दिनों में यहां जांच करने आएगी। टीम के द्वारा किसी स्तर पर लापरवाही या किसी अधिकारी कर्मचारी को दोषी पाया जाता है तो उस पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी। श्री सिंहदेव ने कहा कि मरीजों एवं उनके परिजनों के प्रति सदभावपूर्ण व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों का जन्म इसी अस्पताल में हुआ है उन बच्चों को बहुत दिनों तक उपचार की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए। इसी प्रकार जो मरीज अन्य अस्पतालों से आते हैं उनके लिए भी उचित व्यवस्था उपलब्ध कराना होगा। श्री सिंहदेव ने इस दौरान अस्पताल में भर्ती बच्चों के स्वजनों से भी चर्चा की और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के आश्वासन दिए।
    मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ आर मूर्ति ने बताया कि सभी मृत नवजातों का प्रीमैच्योर बर्थ हुआ था। सभी नवजातों में कई जन्मजात बीमारियों के लक्षण थे जैसे जन्मजात सांस लेने में तकलीफ, अपरिपक्व फेकडे, वजन कम, मां का दूध पीने में तकलीफ आदि लक्षण थे।
    इस दौरान छत्तीसगढ़ वनौषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक, श्रम कल्याण मण्डल के अध्यक्ष श्री शफी अहमद, लुण्ड्रा विधायक डॉ.प्रीतम राम, महापौर डॉ.अजय तिर्की, अपर कलेक्टर श्री ए.एल. धु्रव, मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह, सीएमएचओ डॉ.पी.एस. सिसोदिया सहित अन्य अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद थे।