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कलेक्टर मैदानी स्तर पर बेसिक एडमिनिस्टेशन पर गंभीरता से ध्यान दें: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

  * जिला प्रशासन के कार्याें का आंकलन आंकड़ों से नहीं, हितग्राहियों को योजनाओं से मिलने वाले प्रत्यक्ष लाभ के आधार पर होगा *राजस्व प्रकरणों क...

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*जिला प्रशासन के कार्याें का आंकलन आंकड़ों से नहीं, हितग्राहियों को योजनाओं से मिलने वाले प्रत्यक्ष लाभ के आधार पर होगा

*राजस्व प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में सुनिश्चित हो

*कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी कलेक्टरों की: जिला स्तर पर स्थिति की साप्ताहिक समीक्षा की जाए

*कोविड महामारी नियंत्रण और फ्लैगशिप योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने की जिला प्रशासन की सराहना


    रायपुर ।

असल बात न्यूज।।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में कहा कि कलेक्टर मैदानी स्तर पर बेसिक एडमिनिस्टेªशन पर गंभीरता से ध्यान दें। मंत्रालय स्तर से लिए गए निर्णयों को धरातल पर पहुंचाने की जिम्मेदारी ज़िला प्रशासन पर है। जिला प्रशासन के कार्याें का आंकलन आंकड़ों से नहीं, छत्तीसगढ़ के नागरिकों को इन योजनाओं से मिलने वाले प्रत्यक्ष लाभ के आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की  योजनाओं का क्रियान्वयन संवेदनशीलता के साथ किया जाए। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को मिले। 

     राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस ऑडिटोरियम में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री डी. एम. अवस्थी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी.पिल्ले, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू सहित प्रमुख सचिव, विभिन्न विभागों के सचिव, कमिश्नर, जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर निगमों आयुक्त तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

     मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजस्व प्रशासन के कार्य सीधे तौर पर किसानों, आम नागरिकों से जुड़े हुए हैं। ज़िला प्रशासन इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता दे। उन्होंने शासन और प्रशासन के मध्य परस्पर संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री बघेल ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगरीय प्रशासन ने बहुत बेहतर ढंग से कार्य किया, जिससे कोरोना संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित किया जा सका। उन्होंने राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन में जिला प्रशासन की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि राज्य शासन के नवाचार के रूप में शुरू की गई योजनाओं नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना, महतारी दुलार योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मोबाईल मेडिकल यूनिट और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया गया, जिसके कारण आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है। 


     मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने क़ानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रशासन की सजगता से ही क़ानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो सकती है। संचार क्रांति के दौर में एक स्थान की घटना का असर पूरे प्रदेश और देश में होता है, इसलिए ज़िम्मेदारी बहुत अधिक है। छत्तीसगढ़ शांति का टापू है, क़ानून व्यवस्था को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। सोशल मीडिया पर उचित पर्यवेक्षण ज़रूरी है। सूचना ही शक्ति है, ज़िला प्रशासन का सूचना तंत्र सुदृढ़ किया जाना ज़रूरी है। ग़लत तथ्यों का खंडन करें, अफ़वाह न फैलने दें। आज जनता के बीच प्रशासन का इकबाल होना चाहिए। गलत काम करने वालों में प्रशासन का भय और आम जनता में प्रशासन के प्रति भरोसा होना चाहिए। विरोध प्रदर्शन से मुझे परहेज़ नहीं है लेकिन योजनाबद्ध रूप से माहौल बिगाड़ने की साज़िश को सफल नहीं होने दिया जाना है। ज़िले का आसूचना तंत्र विकसित करें। हर हाल में सौहार्द्र का वातावरण बना रहना चाहिए। सांप्रदायिक सद्भाव छत्तीसगढ़ी संस्कृति की पहचान है, किसी भी व्यक्ति या संस्था को इसे बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा।


     मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि क़ानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला दंडाधिकारी की है। जिला दंडाधिकारी को टीम लीडर के रूप में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जाने वाली अफवाह और दुष्प्रचार का कठोरता से खंडन ज़रूरी है। ज़िला दंडाधिकारी साप्ताहिक समीक्षा बैठक के पूर्व पुलिस अधीक्षक, कार्यपालिक दंडाधिकारियों के साथ क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा करें। आम जनता के बीच शासन प्रशासन की पैठ होनी चाहिए।


    मुख्यमंत्री ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा के दौरान कहा कि हर स्थिति में राजस्व प्रकरणों का सिटिज़न चार्टर में निर्धारित समय सीमा में निराकरण होना ही चाहिए। यह राजस्व अधिकारियों का मूल कार्य है। अविवादित नामांतरण, खाता विभाजन जैसे सरल कार्य तत्काल किए जायें। सभी प्रकरणों का पंजीयन अनिवार्य रूप से हो। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय करें। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण पत्र के कार्यों को पूर्ण करने के लिए विशेष अभियान चला कर कैम्प लगाए जायें। इस कार्य को समय सीमा में पूर्ण करने हेतु राजस्व विभाग एवं ज़िला प्रशासन तत्काल कार्यवाही करें। आबादी भूमि को फ्री-होल्ड करने के लिए कलेक्टर विशेष ध्यान दें, यह शासन का महत्वपूर्ण निर्णय है। इसका क्रियान्वयन बेहतर ढंग से हो। राजस्व प्रशासन से संबंधित शासन स्तर पर लंबित विषयों की समीक्षा मुख्य सचिव स्तर पर की जाए। समय सीमा का निर्धारण प्रत्येक स्तर पर निर्धारित किया जाए। 


     मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नए अतिक्रमण पर प्रभावी रोकथाम लगाने, नियमानुसार अतिक्रमण व्यवस्थापन की कार्यवाही में तेज़ी लाकर नागरिकों को मालिकाना हक़ दिलाने के साथ साथ शासन के राजस्व में वृद्धि हेतु गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। राजस्व वृद्धि हेतु भू-संसाधनों के उपयोग हेतु कलेक्टर समय सीमा में कार्यवाही पूर्ण करें।


*गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य कर*


    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि शहरीकरण के बढ़ते दबाव और शहरों में उपलब्ध सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए अर्थव्यवस्था का विकेंद्रीकरण किया जाना आवश्यक है। राज्य सरकार लगातार ग्राम स्तर पर अच्छी आधारभूत अधोसंरचना, बेहतर स्कूल शिक्षा और आजीविका के नए साधन सृजित करने हेतु संकल्पित है। अब इस दिशा में आगे बढ़ना है। कलेक्टर गांव के गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य करें। 


    मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठान तेज़ी से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु बन रहे हैं। प्रथम चरण में छह हज़ार से अधिक गौठानों के निर्माण पर युद्ध स्तर पर काम किया गया। द्वितीय चरण में इनके संचालन, संधारण का कार्य किया गया। जिससे लगभग 1600 गौठानों को स्वावलंबी बनाने में सफलता मिली। तृतीय चरण में गौठानों को केंद्र बिंदु रख कर ग्रामीण औद्योगिक पार्क विकसित करना शासन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु हमें टीम भावना से कार्य करते हुए ग्रामवासियों में उद्यमिता की भावना विकसित करने का कार्य करना है। यह आजीविका के नए साधन सृजन किए जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। 


    श्री बघेल ने कहा कि रोका छेका अभियान एक जन आंदोलन के रूप में स्थापित हुआ है। कलेक्टर यह सुनिश्चित करें रोका छेका अभियान केवल धान कटाई तक सीमित न रहे, उतेरा फसल के चक्र पूर्ण होते तक यह सतत रूप से चलता रहे। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत धान के अलावा दूसरी अन्य फसलों को लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कृषि विभाग के समन्वय से व्यक्तिगत रुचि लेकर करें। कलेक्टर क्लस्टर चिन्हांकित कर एक-एक विकासखंड में पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में अन्य फसलों को प्रोत्साहित करने प्रभावी कदम उठायें। 


   राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना छत्तीसगढ़ शासन की विशिष्ट परियोजना है। यह देश में अपने तरह की पहली योजना है। इस योजना के क्रियान्वयन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था तेज होगी। इस योजना अंतर्गत अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों, इसके लिए ग्राम स्तर पर वृहद् प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है। कलेक्टर इसके लिए जिला स्तर से पंचायत वार टीम बना कर मिशन मोड पर काम करें।