नई दिल्ली। असल बात न्यूज।। आयकर विभाग ने को कई राज्यों में स्थित दो समूहों में तलाशी और जब्ती अभियान शुरू किया है। पहला समूह डिजिटल मार्क...
नई दिल्ली।
पाए गए आपत्तिजनक साक्ष्य से पता चलता है कि समूह एक एंट्री ऑपरेटर का उपयोग करके आवास प्रविष्टियां प्राप्त करने में लगा हुआ है। एंट्री ऑपरेटर ने हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से समूह की नकदी और बेहिसाब आय के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करने की बात स्वीकार की है।
व्यय की मुद्रास्फीति और राजस्व की कम रिपोर्टिंग का भी पता चला है। यह समूह बेहिसाब नकद भुगतान में भी लिप्त पाया गया है। यह भी पाया गया है कि निदेशकों के व्यक्तिगत खर्चों को खातों की किताबों में व्यावसायिक व्यय के रूप में दर्ज किया गया है। निदेशकों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा उपयोग किए जाने वाले शानदार वाहन कर्मचारियों और प्रवेश प्रदाता के नाम पर खरीदे गए हैं।
खोजा गया दूसरा समूह सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में लगा हुआ है, जिसमें देश भर में सॉलिड वेस्ट कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन, प्रोसेसिंग और डिस्पोजल सेवाएं शामिल हैं, जो मुख्य रूप से भारतीय नगर पालिकाओं को पूरा करती हैं।
तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, ढीले कागज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। मिले साक्ष्यों से पता चलता है कि इस समूह ने खर्चों और उप-अनुबंधों के लिए फर्जी बिलों की बुकिंग में लिप्त है। बुक किए गए ऐसे फर्जी खर्चों का प्रारंभिक अनुमान 70 करोड़ रुपये है।
तलाशी अभियान में करीब एक करोड़ रुपये की संपत्ति में बेहिसाब निवेश का पता चला है। 7 करोड़। इसके अलावा तलाशी अभियान में लाखों रुपये की बेहिसाब नकदी भी बरामद हुई है। 1.95 करोड़ और आभूषण रु. 65 लाख।
दोनों समूहों में आगे की जांच जारी है।