वनमंत्री श्री अकबर के निर्देश के परिपालन में विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई

      रायपुर ।

 असल बात न्यूज़ ।।

सूरजपुर जिले के वन क्षेत्र में  जंगली हाथी के कुचलने से  एक ग्रामीण की हुई मृत्यु के मामले में तीन लोगों को निलंबित कर दिया गया है।  निलंबित अधिकरी-कर्मचारियों में उपवन क्षेत्रपाल प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी प्रतापपुर श्री कमलेश कुमार राय, परिक्षेत्र सहायक प्रतापुर परिक्षेत्र श्री गुलशन यादव तथा परिसर रक्षक प्रतापपुर परिक्षेत्र श्री जीतन सिंह शामिल हैं। राज्य सरकार ने मानव-हाथी द्वंद के मामले को गंभीरता से लेने और इसमें किसी तरह की लापरवाही न बरतते का निर्देश दिया है।

 वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देश के पालन में त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त सरगुजा श्री अनुराग श्रीवास्तव द्वारा वनमंडल सूरजपुर के अंतर्गत तीन विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को कार्य में लापरवाही बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जंगली हाथी के कुचलने से वहां एक ग्रामीण की हुई मृत्यु पर की गई है। इनमें निलंबित अधिकरी-कर्मचारियों में उपवन क्षेत्रपाल प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी प्रतापपुर श्री कमलेश कुमार राय, परिक्षेत्र सहायक प्रतापुर परिक्षेत्र श्री गुलशन यादव तथा परिसर रक्षक प्रतापपुर परिक्षेत्र श्री जीतन सिंह शामिल हैं। 
    गौरतलब है कि सूरजपुर वनमंडल के अंतर्गत प्रतापपुर परिक्षेत्र के ग्राम सरहरी, पतरापारा में 28 सितंबर की रात्रि लगभग 12 बजे जंगली हाथी द्वारा पैर से कुचलने के कारण एक ग्रामीण की मृत्यु हो गई। घटना के दरम्यान कार्य में लापरवाही तथा ग्रामीणों को उचित समझाईश देने में असमर्थता के कारण उक्त तीनों अधिकारी-कर्मचारियों के निलंबन की कार्रवाई की गई है। निलंबन अवधि में तीनों अधिकारी-कर्मचारियों का मुख्यालय वनमंडल कार्यालय सूरजपुर निर्धारित किया गया है। 
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने हाल ही में समीक्षा बैठक लेकर समस्त विभागीय अमले को सख्त निर्देश दिए है कि राज्य में मानव-हाथी द्वंद को गंभीरता से लें और किसी तरह की लापरवाही न बरतते हुए मानव-हाथी द्वंद में कमी लाने सहित नियंत्रण तथा समुचित प्रबंधन के लिए समन्वित प्रयास करंे। उन्होंने इस दौरान जंगली हाथियों के साथ साहचर्य हेतु ग्रामीणों में जन जागरूकता, प्रचार-प्रसार एवं ग्रामीणों को शिक्षा तथा उनके साथ द्वंद से बचने के लिए उपायों को आदान-प्रदान करने पर भी विशेष जोर दिया है। इसके तहत उन्होंने राज्य के जंगली हाथियों से प्रभावित वनमंडलों में हाथियों के संरक्षण तथा मानव-हाथी द्वंद को न्यूनतम करने के लिए विभिन्न प्रकार के नवाचार, क्षमता विकास प्रशिक्षण तथा जन जागरूकता आदि के कार्यक्रमों को भी बेहतर ढंग से संचालित करने के संबंध में निर्देशित किया है।