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चिंता, दुर्ग जिले के उतई में प्रतिदिन बड़ी संख्या में हो रहे हैं बच्चे बीमार , सांस लेने में तकलीफ की भी शिकायतें

00  अच्छी बात है कि जो दवाइयां दी जा रही है उसे हो जा रहे हैं बीमार बच्चे ठीक 00   किसी बच्चे को नहीं करना पड़ा है एडमिट 00  किसी बच्चे की न...

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00  अच्छी बात है कि जो दवाइयां दी जा रही है उसे हो जा रहे हैं बीमार बच्चे ठीक

00   किसी बच्चे को नहीं करना पड़ा है एडमिट

00  किसी बच्चे की नहीं आई है कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव

00 चिंता इसलिए बढ़ गई है क्योंकि इस महीने में नहीं मिलते हैं वायरल फीवर के अधिक संक्रमित

00  वायरल फीवर के फैलाव में सभी वर्ग के बच्चे होते हैं संक्रमित लेकिन इसमें सिर्फ 0 से 5 आयु वर्ग के बच्चे हो रहे हैं बीमार

उतई,दुर्ग। 

असल बात न्यूज़।

चिंताजनक खबर आ रही है कि दुर्ग जिले के उतई में प्रतिदिन बड़ी संख्या में बच्चे बीमार मिल रहे हैं। इन बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायतें आ रही है। हालांकि सभी बच्चों का Corona test   कराए जाने पर कोई भी बच्चा positive  नहीं मिला है। असल में आमतौर पर सितंबर महीने में सर्दी खांसी वायरल फीवर से संक्रमित बच्चों की संख्या कम होने लगती है लेकिन इसके विपरीत सर्दी खांसी बुखार के  पीड़ित बच्चे अभी बड़ी संख्या में मिल रहे हैं। चिकित्सकों ने हमें बताया है कि शहरी इलाकों में भी इस महीने के दौरान संक्रमित बच्चों की संख्या काफी बढ़ गई है।

वरिष्ठ चिकित्सकों ने बातचीत में हमें बताया है कि सितंबर महीने के दौरान वायरल फीवर के मरीजों की संख्या कम हो जाती है। Viral fever के ऐसे मरीज सर्दी खांसी बुखार से पीड़ित रहते हैं। लेकिन इस बार ऐसे मरीजों की संख्या सितंबर महीने में काफी अधिक बढ़ गई है। इसे चिंता के रूप में देखा जा रहा है  और अधिक  चिंताजनक बात यह है कि ऐसे  संक्रमितो में बच्चों की ही संख्या काफी अधिक आ रही है।

उतई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ एन एल बंजारे ने हमें बताया है कि उतई स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन बड़ी संख्या में बीमार बच्चे आ रहे हैं। यह बच्चे आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी आ रहे हैं। उन्हें भी इससे चिंता है कि सितंबर महीने में वायरल फीवर से संक्रमित बच्चों की संख्या काफी अधिक बढ़ गई है। सबसे उल्लेखनीय बात है कि 0 से 5 साल की उम्र के बच्चे अधिक संक्रमित हो रहे हैं। डॉक्टर बंजारे ने बताया कि हम चिंतित जरूर हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि किसी बच्चों को एडमिट करने की जरूरत नहीं पड़ी है ना ही यहां से जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है। हम जो दवाइयां दे रहे हैं उससे बच्चे ठीक हो जा रहे हैं।

आमतौर पर बारिश शुरु होने के बाद जून से अगस्त के बीच सर्दी खांसी बुखार से संक्रमित मरीजों की संख्या अधिक बढ़ जाती है और अस्पतालों में इन मरीजों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन अभी इसके विपरीत हो रहा है। अभी odd season है ।इस समय माना जाता है कि वायरल फीवर नियंत्रित होने लगता है लेकिन इस साल ऐसा हो नहीं रहा है बल्कि इसके विपरीत इस सीजन में सितंबर महीने में बच्चों के बीमार होने की संख्या काफी अधिक बढ़ गई है।

जानकारी के अनुसार उतई स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन 30 से 35 बच्चे बीमार होकर पहुंच रहे हैं। ऐसे बच्चों को सर्दी खांसी वायरल फीवर और सांस लेने में तकलीफ की शिकायतें आ रही हैं। डॉ बंजारे ने बताया कि जो संक्रमित बच्चे आ रहे हैं हम उनका डेंगू मलेरिया कोरोना सभी टेस्ट करा रहे हैं लेकिन कोई बच्चा positive नहीं मिला है।

छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ सूरजपुर जांजगीर-चांपा जिले में पिछले दिनों बड़ी संख्या में बीमार बच्चे मिले हैं जिन्हें अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती भी कराया गया है।यह खबर देशभर में  सुर्खियों में रही है। अब दुर्ग जिले के कई स्थान से बच्चों के बीमार होने की खबरें आ रही हैं। इसमें उतई बड़ा क्षेत्र है जहां प्रतिदिन 30-35 बच्चों के बीमार मिलने के की खबर आ रही है। वायरल फीवर में सभी आयु वर्ग के लोग संक्रमित पाए जाते हैं लेकिन अभी पता नहीं क्यों ? सिर्फ सुनने से 5 वर्ष तक के बच्चे हैं संक्रमित हो रहे हैं। चिकित्सक इन बीमार बच्चों का इलाज सफलतापूर्वक कर रहे हैं इसलिए अधिक दिक्कत नहीं है लेकिन 0 से 5 वर्ष के बच्चे ही क्यों बीमार हो रहे हैं यह रहस्य बना हुआ है। जानकार लोगों से जानकारी मिली है कि शहरी इलाकों में भी सितंबर महीने में बच्चों के बीमार होने  की संख्या अपेक्षाकृत काफी बढ़ गई है। वैसे जो बच्चे बीमार हो रहे हैं उनमें से किसी को भी उपचार के लिए भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। सर्दी खांसी बुखार अमूमन 5 से 6 दिनों के भीतर ठीक हो जा रहा है। सांस की तकलीफ वाले बच्चे कम हैं।

एक बात यह भी सामने आई है कि इस साल बारिश के मौसम में काफी बदलाव रहा है। जुलाई-अगस्त महीने में काफी बारिश कम बारिश हुई जबकि सितंबर महीने में अधिक बारिश हुई है। इस बदलाव की वजह से भी सितंबर में अधिक बारिश होने से इस दौरान वायरल फीवर का अधिक फैलाव हुआ हो सकता है।