Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

देश में 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर लगाए जाने वाले औषधीय पौधे

  आयुष मंत्रालय ने शुरू किया अभियान, राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड (एनएमपीबी) ने इसकी अगुवाई में महाराष्ट्र में किसानों को 7500 औषधीय पौधे, यूप...

Also Read

 



आयुष मंत्रालय ने शुरू किया अभियान, राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड (एनएमपीबी) ने इसकी अगुवाई

में महाराष्ट्र में किसानों को 7500 औषधीय पौधे, यूपी में 750 औषधीय पौधे बांटे

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज।

राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड (एनएमपीबी), आयुष मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में देश में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है। इससे किसानों की आय बढ़ाने और हरित भारत के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। इस अभियान के तहत देश भर में अगले एक साल में 75,000 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय पौधों की खेती की जाएगी। कार्यक्रम की शुरुआत यूपी के सहारनपुर और महाराष्ट्र के पुणे से की गई है। आयुष मंत्रालय द्वारा 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में यह कार्यक्रम दूसरे नंबर पर है।


डॉ. सनवाल ने कहा कि इस प्रयास से देश में औषधीय पौधों की आपूर्ति को और गति मिलेगी। इस अवसर पर 75 किसानों को कुल 7500 औषधीय पौधे वितरित किए गए। 75 हजार पौधे बांटने का लक्ष्य रखा गया है।

सहारनपुर में, आयुष राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री धर्म सिंह सैनी के साथ-साथ राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड (एनएमपीबी) के अनुसंधान अधिकारी सुनील दत्त और आयुष मंत्रालय के अधिकारियों ने भी भाग लिया। उत्तर प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री धर्म सिंह सैनी ने औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसानों को सम्मानित किया। आसपास के कई जिलों से आए 150 किसानों को औषधीय पौधे नि:शुल्क वितरित किए गए। इनमें मुख्य रूप से पौधों की 5 प्रजातियां शामिल हैं - रात में फूलने वाली चमेली (पारिजात), गोल्डन एप्पल (बेल), मार्गोसा ट्री (नीम), भारतीय जिनसेंग (अश्वगंधा) और भारतीय ब्लैकबेरी (जामुन)। किसानों को अलग से 750 जामुन के पौधे नि:शुल्क वितरित किए गए।

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि देश में औषधीय पौधों के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और 75000 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय पौधों की खेती से देश में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और यह किसानों के लिए आय का एक बड़ा स्रोत होगा. इससे देश दवाओं के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल में न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में औषधीय पौधों का बाजार बड़े पैमाने पर बढ़ा है। यही कारण है कि अश्वगंधा अमेरिका में तीसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद रहा है।

'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के तहत आगे के कार्यक्रमों में वाई ब्रेक ऐप का शुभारंभ, रोगनिरोधी आयुष दवाओं का वितरण, 'आयुष आपके द्वार' और स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए व्याख्यान श्रृंखला शामिल है। 5 सितंबर को वाई ब्रेक एप पर लेक्चर सीरीज और वेबिनार का आयोजन किया जाना है।