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कृषि उद्यमिता एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने अभिनव 3.0 एवं उद्भव 3.0 कार्यक्रम प्रारंभ

  अभिनव एवं उद्भव कार्यक्रम के तहत कुल 38 स्टार्टअप्स चयनित चयनित स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता एवं व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा ...

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अभिनव एवं उद्भव कार्यक्रम के तहत कुल 38 स्टार्टअप्स चयनित

चयनित स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता एवं व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा


रायपुर,।

असल बात न्यूज़।।

 इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में स्थित छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रथम एवं एकमात्र आर.के.वी.वाय. रफ्तार एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर (आईजीकेवी राबी) सेन्टर में कृषि नवाचारी एवं कृषि उद्यमियों के लिये दो माह की अवधि के अभिनव 3.0 एवं उद्भव 3.0 के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का वर्चुअल शुभारंभ माननीय कुलपति डॉ. एस के पाटील द्वारा किया गया। इस द्विमासिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में नवाचार से कृषि उत्पाद ;च्तवजवजलचमद्ध के रूप में प्रोन्नत कर सकने के लिए “एग्रीप्रेन्योरशिप ओरिएंटेशन प्रोग्राम” अभिनव-2021 तथा न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद ;डपदपउनउ टपंइसम च्तवकनबज. डटच्द्ध वाले कृषि-व्यवसाय स्टार्टअप्स “एग्रीप्रेन्योरशिप इंक्यूबेशन प्रोग्राम” उद्वभव-2021 में भाग ले रहें है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत अभिनव 3.0 में 26 एवं उद्भव 3.0 में 12 कृषि नवाचार एवं कृषि स्टार्टप्स का चयन किया गया है जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के 27 एवं अन्य प्रदेशों से 11 कृषि स्टार्टअप्स सम्मिलित है।

वर्चुअल कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने कृषि प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि को नवाचार एवं उद्यमिता की अत्यन्त आवाश्यकता है जिसके माध्यम से इस क्षेत्र की समस्याओं का निदान किया जा सकता है। इससे न केवल युवाओं को कृषि उद्यमी बनने के अवसर मिलेंगें अपितु किसानों की समस्याओं का समाधान भी हो सकेगा और कृषि उद्यमियों एवं किसानों की आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने कृषि एवं सबंधित क्षेत्र के उद्यमियों एवं कृषि स्टार्टअप्स से आव्हान किया कि वे अपने अन्य साथियों एवं उद्यमियों को भी इस क्षेत्र में कार्य करने हेतु प्रेरित करने का प्रयास करें। डॉ. पटील ने कहा कि कृषि छात्रों, प्राध्यापकों तथा वैज्ञानिकों का भी प्रशिक्षणार्थियों से संवाद एवं संबंध होना चाहिये जिससे कृषि नवाचारों को समझने एवं विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने केन्द्र की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज एवं देश में व्याप्त कृषि समस्याओं के निराकरण में प्रशिक्षित कृषि स्टार्टप्स एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे और यह केन्द्र इस दिशा में अपना सार्थक योगदान देगा। उन्होंने केन्द्र के प्रमुख एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. हुलास पाठक को बधाई दी। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. हुलास पाठक ने पिछले दो प्रशिक्षण कार्यक्रमों सहित वर्तमान में चल रहें कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. आर के बाजपायी, संचालक अनुसंधान सेवाऐं, डॉ. एस. सी. मुखर्जी, निदेशक विस्तार सेवाऐं, डॉ. जी. के. निर्माम, कुलसचिव, डॉ. एम.पी. ठाकुर, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, रायपुर श्री आर.पी.एस. चौहान, लेखानियंत्रक, डॉ. वी. के. पाण्डेय निदेशक शिक्षण, डॉ. जी.के. श्रीवास्तव, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ. एम. पी. त्रिपाठी अधिष्ठाता, अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर, इंजी. मोहन कोमरे, अधिक्षक भौतिक संयंत्र और डॉ. ए.के. गौराहा, विभागाध्यक्ष, कृषि व्यवसाय एवं ग्रामीण प्रबंधंन उपस्थित थे।