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नंदिनी की खाली पड़ी माइंस में बने विशाल मानव निर्मित जंगल का शुभारंभ करेंगे मुख्यमंत्री

  *- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बनाया गया था प्रस्ताव, डीएमएफ-एडीबी की राशि से हुआ कार्य *- 2500 एकड़ क्षेत्रफल में लगाए गये ...

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*- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बनाया गया था प्रस्ताव, डीएमएफ-एडीबी की राशि से हुआ कार्य

*- 2500 एकड़ क्षेत्रफल में लगाए गये 83 हजार से अधिक पौधे

*-तैयारियों का जायजा लेने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर ने किया साइट निरीक्षण

*-पर्यावरण के पुनः संरक्षण अथवा इकोलॉजिकल रीस्टोरेशन के लिए नजीर, किस तरह से खनन आधारित प्रोजेक्ट को नेचुरल हैबिटेट के रूप में बदला जा सकता है इसका अनुकरणीय उदाहरण

 दुर्ग 11 सितंबर 2021/ देश में पर्यावरण की मानव निर्मित विशाल धरोहर दुर्ग जिले में बनी है। नंदिनी की खाली पड़ी खदानों की जमीन  में यह प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है।  लगभग 3.30 करोड़ रुपए की लागत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसके लिए डीएमएफ तथा अन्य मदों से राशि ली गई है। पर्यावरण संरक्षण के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया। यह प्रोजेक्ट देश दुनिया के सामने उदाहरण है कि किस तरह से निष्प्रयोज्य माइंस एरिया को नेचुरल हैबिटैट के बड़े उदाहरण के रूप में बदला जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 15 सितंबर को इसका शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर वे पौधरोपण भी करेंगे। 

उल्लेखनीय है कि 17 किलोमीटर क्षेत्र में फैले नंदिनी के जंगल में पहले ही सागौन और आंवले के बहुत सारे वृक्ष मौजूद हैं। अब खाली पड़ी जगह में 83,000 पौधे लगाये गये हैं। इसके लिए डीएमएफ-एडीबी से राशि स्वीकृत की गई। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए क्षेत्र का निरीक्षण किया। डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए कहा कि 83000 पौधे लगाये जा चुके हैं। 3 साल में यह क्षेत्र पूरी तरह जंगल के रूप में विकसित हो जाएगा। यहां पर विविध प्रजाति के पौधे लगने की वजह से यहां का प्राकृतिक परिवेश बेहद समृद्ध होगा। श्री गणवीर ने बताया कि यहां पर पीपल, बरगद जैसे पेड़ लगाए गये हैं जिनकी उम्र काफी अधिक होती है साथ ही हर्रा, बेहड़ा, महुवा जैसे औषधि पेड़ भी लगाए गये हैं। 

*पक्षियों के लिए आदर्श रहवास-* श्री गणवीर ने बताया कि पूरे प्रोजेक्ट को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह पक्षियों के लिए भी आदर्श रहवास बनेगा तथा पक्षियों के पार्क के रूप में विकसित होगा। यहां पर एक बहुत बड़ा वेटलैंड है जहां पर पहले ही विसलिंग डक्स, ओपन बिल स्टार्कआदि लक्षित किए गए हैं यहां झील को तथा नजदीकी परिवेश को पक्षियों के ब्रीडिंग ग्राउंड के रूप में विकसित होगा। आज कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान एसडीएम श्री बृजेश क्षत्रिय एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

*इको टूरिज्म का होगा विकास-* इसके साथ ही इस मानव निर्मित जंगल में घूमने के लिए भी विशेष व्यवस्था होगी। इसके लिए भी आवश्यक कार्य योजना बनाई गई है ताकि यह छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु देश के सबसे बेहतरीन घूमने की जगह में शामिल हो सके।

*अहिवारा महाविद्यालय के नये भवन एवं रेस्ट हाउस का भी लोकार्पण-* इस अवसर पर मुख्यमंत्री अहिवारा में महाविद्यालय भवन का भी लोकार्पण करेंगे। इसे 4 करोड़ 83 लाख रुपए की लागत से बनाया गया है। साथ ही रेस्ट हाउस भी लगभग 1.30 करोड़ की लागत से बनाया गया है। इसका भी लोकार्पण मुख्यमंत्री करेंगे। इसकी तैयारियों का निरीक्षण भी कलेक्टर ने किया। इस दौरान एसडीएम श्री बृजेश क्षत्रिय एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।