कोंडा गांव। असल बात न्यूज।। शासन ने बढ़ती जा रही आबादी को बसाने के लिए वन अधिकार पट्टा अधिनियम के तहत वनवासियों को पट्टा प्रदान किया, लेकि...
कोंडा गांव।
असल बात न्यूज।।
शासन ने बढ़ती जा रही आबादी को बसाने के लिए वन अधिकार पट्टा अधिनियम के तहत वनवासियों को पट्टा प्रदान किया, लेकिन यह पट्टा वितरण,नए अतिक्रमण के रूप में मुसीबत भी बन गया। जिन्हें बसने के लिए पट्टे दिए गए, उनमें से ज्यादातर लोगों ने वनों की अतिरिक्त भूमि पर कब्जा करना शुरू कर दिया। ऐसे मामलों में वन विभाग प्रशासन सख्त हुआ है और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। अतिक्रमणकारियों के खिलाफ न्यायालय में मुकदमे भी चलाए जाने शुरू किए जा रहे हैं। कोंडागांव जिले में ऐसे ही मामलों में 600 एकड़ भूमि से अतिक्रमण खाली कराया गया है। अतिक्रमण करियों से वापस ली गई जमीन पर अब अब व्यापक वृक्षारोपण किया जा रहा है। फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोंडागांव जिले के वन क्षेत्र जरंडी, घोरघोड़ा, नेवारा, बिजौली, एरला, राजा गांव, कूलझर, सिलारी, निलजी, सिंघनपुर, पदनार, मगेदा, तात्री, मतवा, बवई, उलेरा, शामपुर, जैसे ग्राम पंचायत क्षेत्रों में वन क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाए गए हैं। अब यहां विभिन्न फलदार पौधे, औषधिय पौधे, नीलगिरी, lemon grass, clonal बांस इत्यादि के पौधे लगाए जा रहे हैं। यहां अभी तक 29130 फलदार पौधे, क्लोनल बनाए के 7 हजार 655 पौधे तथा नीलगिरी के 15 हजार 419 पौधे लगाए जा चुके हैं। फलदार पौधों में काजू के पौधे प्राथमिकता पूर्वक लगाए गए हैं। पिछले दिनों एक कार्यक्रम आयोजित कर वृक्षारोपण में अधिक से अधिक आम लोगों को जोड़ने की कोशिश की गई। इसमें क्षेत्रीय विधायक मोहन मरकाम में शामिल हुए।
SDO फ़ारेस्ट उत्तर वन मंडल कोंडागांव, आशीष कोट्रिवार ने हमें बताया है कि पूरे क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण पर जोर दिया जा रहा है। अधिक से अधिक वृक्षारोपण के लिए हम ऐसे कार्यक्रम से आम लोगों को भी जोड़ रहे हैं। जिन लोगों से जमीन खाली खाली कराई गई है उन्हें पौधे लगाने का प्रमाण पत्र दिया गया है।