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पेंगोलिन स्केल्स की तस्करी करने वाले लोग पकड़े गए ,वन विभाग की बड़ी कार्रवाई

 * 2 लाख रूपए मूल्य का प्रतिबंधित पेंगोलिन स्केल्स की जप्ती      रायपुर । असल बात न्यूज़।। वन विभाग की टीम ने प्रतिबंधित पेंगोलिन स्केल्स क...

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 *2 लाख रूपए मूल्य का प्रतिबंधित पेंगोलिन स्केल्स की जप्ती

     रायपुर । असल बात न्यूज़।।

वन विभाग की टीम ने प्रतिबंधित पेंगोलिन स्केल्स की तस्करी करने वालोंं को पकड़ा है। वन विभाग की टीम के द्वाराा जाल बिछाकर आरोपियों को पकड़ा गया। आरोपियों को पेंगोलिन स्केल्स खरीदनेे के बहानेेे झांसा देकर बुलाााया गया और यहांंं पकड़ लिया गया।अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक वयस्क पेंगोलिन की कीमत 10 लाख रूपए तक बताई जाती है। पकड़े गए आरोपी झारखंड के निवासी बताए जाते हैं।

 वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार विभाग द्वारा राज्य में वन अपराधों की रोकथाम के लिए अभियान लगातार जारी है। इस तारतम्य में प्रधान मुख्य संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री पी.व्ही. नरसिंह राव के मार्गदर्शन में वन मण्डलाधिकारी बिलासपुर श्री कुमार निशांत के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा अपराधों को रोकने के लिए सतत कार्रवाई की जा रही है। इसी दौरान  2 लाख रूपए मूल्य के प्रतिबंधित पेंगोलिन स्केल्स की जप्ती की गई। इसमें संलिप्त झारखण्ड निवासी दो आरोपियों को जेल दाखिला कराया गया है। 

     वन मण्डल बिलासपुर की टीम द्वारा गत दिवस 8 सितम्बर को मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर अपराधी को तिफरा बस स्टेण्ड से बस से उतरने के बाद वन विभाग की टीम द्वारा रंगे हाथों पकड़ा गया। वन विभाग द्वारा दोनों अपराधियों को गिरफ्तार कर विवेचना में लिया गया है। दोनो अपराधी झारखण्ड राज्य के है। वन विभाग को पिछले कुछ दिनों से लगातार यह सूचना प्राप्त हो रही थी कि बिलासपुर में पेंगोलिन के स्केल्स की डिलीवरी होनी है। वन विभाग द्वारा विगत एक माह से दो टीमों का गठन कर अपराधियों से संपर्क किया गया। गठित टीम में से एक टीम सूचनाएं संग्रहित कर रही थी एवं एक टीम कार्यवाही के लिये तैयार थी। जैसे ही आज डील फाइनल हुई। उसके पश्चात आरोपियों के खिलाफ तत्परता से सफलतापूर्वक कार्यवाही को अंजाम दिया गया। दोनों ही अपराधियों पर वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत प्रकरण तैयार कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय बिलासपुर में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये आरोपियों को 14 दिनों के रिमाण्ड पर न्यायिक हिरासत लेकर जेल दाखिल किया गया।