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सुराना काॅलेज के विधि विद्यार्थियों को न्यायिक अधिकारियों ने दी गई कानूनी जानकारी

  दुर्ग। । असल बात न्यूज़।   सेठ रतन चंद सुराना विधि महाविद्यालय भिलाई में विधि विद्यार्थियों के द्वितीय सेमेस्टर विद्यार्थियों को  राजेश...

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दुर्ग। । असल बात न्यूज़।

  सेठ रतन चंद सुराना विधि महाविद्यालय भिलाई में विधि विद्यार्थियों के द्वितीय सेमेस्टर विद्यार्थियों को  राजेश श्रीवास्तव  जिला एवं सत्र न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन एवं निर्देशन पर विभिन्न कानूनी विषयों की जानकारी न्यायिक अधिकारियों के द्वारा दी गई। 

विधि विद्यार्थियों को न्यायिक अधिकारियों के द्वारा महाविद्यालय में कानूनी जानकारी दी गई है। न्यायिक अधिकारियों के द्वारा बताया कि ’’ आप विधि विद्यार्थी है आप सभी को कानून की जानकारी होनी चाहिए तभी आप कानून की जानकारी अन्य लोगों को सही रूप में दे सकेगें। वर्तमान में न्यायालयों में अत्यधिक मामले लंबित है जिनकी सुनवाई में समय लगने की संभावना बनी रहती है। न्यायालयीन प्रकरणों को त्वरित समय में निराकृत किये जाने हेतु वैकल्पिक समाधान उपलब कराये गये है, जिनमें लोक अदालत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। लोक अदालत में पक्षकार अपने प्रकरणों को बिना किसी मतभेद के ,डर दबाव के राजीनामा के आधार पर निराकृत कराता हैै। लोक अदालत में यदि प्रकरण निराकृत हो जाता है तो उसकी अपील अपीलीय न्यायालय में नही हो सकती है। लोक अदालत में प्रकरण खत्म होने से पक्षकारों के मध्य सौहार्दपूर्ण वातावरण एवं आपसी भाईचारा बना रहता हैं। इसमें किसी की जीत व किसी की हार नही होती है। लोक अदालत में प्रकरण रखे जाने के साथ साथ ’’ मध्यस्थता’’ के माध्यम से भी प्रकरण को समाप्त किये जाने का प्रयास किया जाता है। ’’मध्यस्थता’’ के माध्मय से प्रकरण के पक्षकारों से उनकी राय व सुझाव मांगा जाता है तथा एक प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ता उनके मध्य मध्यस्थता का कार्य करता है। मध्यस्थता के माध्यम से पारिवारिक विवाद, चेक अनादरण से संबंधित विवाद में सफलता मिलने की संभावना अत्यधिक बनी रहती है। पारिवारिक विवाद मध्यस्थता के माध्यम से सुलह कराये जाने के न्यायालय में होने वाले व्यय से बचा जा सकता है। न्यायिक अधिकारी के द्वारा पास्को अधिनियम, निःशुल्क विधिक सहायता , पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना से संबंधित जानकारी दी गई। 

     उन्होंने बताया कि ’’ नशा व्यक्तिगत के साथ-साथ समाज में भी बुरा प्रभाव डालता है । मोटर दुर्घटना के अधिकांशतः मामले नशे के हालत में गाडी चलाने के ही कारण होती है । समाज में युवा वर्ग वर्तमान परिस्थिति में नशे की ओर आकर्षित होते हैं । कई जगहों पर अनुचित रूप से हुक्का बार भी चलाये जाते हैं, जिसमें युवा वर्ग की भागीदारी ज्यादा रहती है , जो उनके भविष्य को अंधकार में डालती है तथा समाज में उसका बुरा प्रभाव पडता है ।  परिवार में नशा करने वाले व्यक्ति के परिवार टूटने लगते हैं तथा बिखर जाते हैं । इस आयोजित जागरूकता शिविर में न्यायिक अधिकारी सुश्री कु. रूचि मिश्रा, सुश्री आंकाक्षा सक्सेना, श्री प्रशांत देवागंन उपस्थित रहे साथ ही श्री राहूल शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिरण दुर्ग उपस्थित रहे।