दुर्ग । असल बात न्यूज़।

जिले में डबरियों में मछली पालन किसानों की अतिरिक्त आय का बड़ा जरिया बनता जा रहा है।शासन के विभिन्न लाभकारी योजनाओं के चलते बड़ी संख्या में किसान डबरियों  में मछली पालन के प्रति आकर्षित हो रहे हैं और मछली पालन कर रहे हैं। शासन के द्वारा मत्स्यपालक किसानों को मछली बीज, खाद तथा  फिश दाना उपलब्ध कराया जा रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार दुर्ग जिले के तीनों विकास खंडों में लगभग 200 डबरियों में किसानों के द्वारा मछली पालन का काम कर अतिरिक्त आमदनी हासिल की जा रही हैं। 

दुर्ग जिले में पानी की उपलब्धताा वाले क्षेत्रों में किसानो को  धान की फसल लेने केे साथ डबरियों में मछली पालन से अतिरिक्त कमाई हो रही है। गांव गांव में डबरी बनने से किसानों को अपनी फसल के लिए सिंचाई की सुविधा भी मिल रही है।वहीं  गांव में कई जरूरतमंदों को रोजगार भी मिल रहा है। मनरेगा केतस्लीम योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है और इस से किसानों के जीवन में आर्थिक स्थिति में बदलाव देखने को मिल रहा है।

मत्स्य पालन विभाग की डिप्टी डायरेक्टर श्रीमतीसुधा दास तथा जिला मत्स्य पालन अधिकारी श्री कनेरिया ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि सरकार के द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें अतिरिक्त आय के स्रोत उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है जिसमें डबरियों में मछली पालन एक कारगर उपाय साबित हो रहा है। मछली पालन के लिए किसानों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। सहायता के तौर पर मत्स्य पालकों को अभी एक डबरी में मत्स्य पालन के लिए 5 पैकेट लगभग 550 नग मछली बीज खाद और मछली दाना उपलब्ध कराया जा रहा है।

मत्स्य पालकों को अभी भारतीय किस्म की मछलियां के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं इसमें रोहू कतलम् प्रमुख हैं। यह माना जाता है कि इन मछलियों की पैदावार अच्छी होती है। बढ़ोतरी अच्छी होती है तथा 6 महीने के भीतर यह आधा, किलो से पौन किलो तक की हो जाती है।विभाग द्वारा यह भी ध्यान दिया जा रहा है कि जिन  डबरियो में मत्स्य पालन किया जा रहा है वहां डबरी में पानी पर्याप्त उपलब्ध रहे।

प्रदेश में जल संग्रहण संरचनाओं के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाने की लगातार पहल की जा रही है। जल संग्रहण संरचनाओं एक तरफ जहां लोगों को रोजगार मिल रहा है 
     मछली पालन सेे किसानों को भी अपनी आमदनी बढ़ाने का मौका मिल रहा है। जिले के ग्राम कुथरेल के किसान भुवनेश्वर सिन्हा खरीफ के बाद रबी सीजन में साग सब्जी का भी उत्पादन ले रहे हैं। श्री सिन्हा बताते हैं कि उन्हें राज्य शासन की कई योजनाओं में मदद मिल रही है। उन्होंने खेती किसानी के साथ ही मछली और मुर्गी पालन भी शुरू किया है। इससे उन्हें 18 से 20 हजार रूपए की आमदनी मिल रही है।  
        डबरी निर्माण से एक किसान को तीन एकड़ खेत में सिंचाई की सुविधा मिल जाती है।  डबरी निर्माण के लिए किसान ग्राम सभा में आवेदन देते हैं। डबरी निर्माण से  वर्षा के अभाव में भी 
 सिंचाई की चिंता नहीं रह जाती।   मनरेगा के तहत स्वीकृत उबरी निर्माण कार्य से गांव के जरूरतमंदों के लिए  मानव दिवस का रोजगार सृजन भी हो रहा है।

दुर्ग जिले के तीनों विकासखंड दुर्ग ,धमधा, और पाटन में किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने खेतों की सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की डब्री बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।जानकारी के अनुसार दुर्गा विकासखंड में 70, पाटन में साठ, धमधा विकासखंड में 70 डबारियां बनकर तैयार हो गई है।