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कृषि उपज मंडियां कृषि उपजों की खरीदी-बिक्री की और अधिक पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करें: भूपेश बघेल

  मुख्यमंत्री कृषि उपज मंडी दुर्ग के नवनियुक्त अध्यक्ष  अश्वनी साहू के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए रायपुर, । असल बात न्यूज।   मुख्यम...

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मुख्यमंत्री कृषि उपज मंडी दुर्ग के नवनियुक्त अध्यक्ष  अश्वनी साहू के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए

रायपुर, । असल बात न्यूज।

 मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने की जिम्मेदारी कृषि उपज मंडियों की है।  किसानों की जरूरतों और  समस्याओं को ध्यान में रखकर किसानों और व्यापारियों के बीच कृषि उपजों की खरीद और बिक्री की और अधिक पारदर्शी व्यवस्था करें, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य समय पर मिल सके। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कृषि उपज मंडी समिति दुर्ग के नवनियुक्त अध्यक्ष  अश्वनी साहू के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने नई जिम्मेदारी मिलने पर श्री अश्वनी साहू को बधाई और शुभकामनाएं दी।

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे और वन मंत्री और दुर्ग जिले के प्रभारी श्री मोहम्मद अकबर इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। दुर्ग में कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, विधायक श्री अरुण वोरा, नगर पालिका निगम दुर्ग के महापौर श्री धीरज बाकलीवाल, पूर्व विधायक श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, जिला पंचायत दुर्ग की अध्यक्ष श्रीमती शालिनी यादव, जिला पंचायत दुर्ग के उपाध्यक्ष श्री अशोक साहू, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के अध्यक्ष श्री जवाहर वर्मा, दुर्ग नगर निगम के सभापति श्री राजेश यादव, छत्तीसगढ़ अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम की उपाध्यक्ष सुश्री नीता लोधी, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्री आर.एन. वर्मा, छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालम चक्रधारी सहित अनेक जनप्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानून से किसानों के हित खतरे में है। किसान अपने भविष्य को लेकर बहुत आशंकित हैं। इन कानूनों के दुष्प्रभावों से छत्तीसगढ़ के किसानों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने मंडी अधिनियम में संशोधन कर किसानों के हितों को संरक्षित किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 80 प्रतिशत किसान लघु और सीमान्त किसान हैं, इन किसानों की उपज के सही तौल और सही मूल्य के साथ खरीदी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मदारी मंडियों की है।  बाजार में कृषि उपज के मूल्य में उतार-चढ़ाव की सूचनाएं किसानों को आधुनिक संचार साधनों का उपयोग करते हुए समय से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए।  कृषि उपज मंडी क्षेत्र में उपज के भंडारण और कृषि उत्पादों में वेल्यूएडिशन की अधिक से अधिक व्यवस्था कर हम किसानों की आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। परम्परागत धान की फसल के साथ-साथ अन्य फसलों की ओर भी किसानों का रूझान बढ़ रहा है।  यह अच्छे भविष्य का सुखद संकेत है। ऐसी परिस्थितियों में किसानों को सही सलाह और सुझाव देने की आशंका है ताकि वे अधिक लाभकारी फसलों का चुनाव कर सकें। राज्य सरकार  राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से  धान, गन्ना, मक्का, सोयाबीन,  दलहन, तिलहन, कोदो, कुटकी और रागी जैसी फसलों में किसानों को आदान सहायता देकर उन्हें प्रोत्साहित कर रही है। इससे आने वाले समय में इन फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा, हमें उसी के अनुरूप आंकलन कर विपणन की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी होंगी। कृषि उपज मंडियों का यह प्रयास होना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में ऐसी बाजार व्यवस्था का निर्माण किया जाए, जिसमें उत्पादक किसानों के लिए जोखिम कम से कम हो और उन्हें मोलभाव करने की ताकत मिले, समय पर उन्हें भुगतान प्राप्त हो। बघेल ने कहा कि कृषि उपज मंडी और धान खरीदी केंद्रों में लगभग 4000 चबूतरों का निर्माण किया गया है, जिसमें इस वर्ष लाखों टन धान को खराब होने से बचाया गया। इन चबूतरों पर शेड का निर्माण भी मंडियों को करना है,  ताकि फसलें बचाई जा सकें। उन्होंने आशा जताई कि मंडियों के जागरूक एवं अनुभवी पदाधिकारी यह काम तेजी से आगे बढ़ाएंगे। 

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि सी-मार्ट की स्थापना का कार्य दुर्ग से प्रारंभ होगा। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों और बिहान की महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के मार्केटिंग की व्यवस्था भी मंडी में की जानी चाहिए। कृषि उपज मंडियों कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग इकाईयों की स्थापना, कोल्ड चेन और मार्केटिंग की व्यवस्था करने की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि दुर्ग कृषि उपज मंडी परिसर 50 एकड़ में फैला है जहां इन व्यवस्थाओं को विकसित करने की काफी संभावनाएं हैं। 

वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने श्री अश्वनी साहू को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें राज्य शासन द्वारा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष को बहुत से अधिकार प्राप्त हैं जिनका उपयोग वे किसानों के हित में कर सकते हैं। उन्होेंने कहा कि मंडी अधिनियम में संशोधन कर राज्य सरकार ने कृषि उपज मंडियों को सशक्त बनाने का काम किया है। गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू और विधायक श्री अरूण वोरा ने भी नवनियुक्त अध्यक्ष श्री अश्वनी साहू को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कुशलतापूर्वक करते हुए किसानों के हित में कार्य करेंगे। स्वागत भाषण श्री बीरेन्द्र बहादुर पंचभाई ने दिया। कार्यक्रम का संचालन श्री निर्मल कोसरे ने किया।