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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बीमार बेसहारा एवं लावारिस वृद्ध को उपचार उपरांत वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया

  दुर्ग । असल बात न्यूज़। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों से आज एक वृद्ध को वृद्धाश्रम पहुंचाया गया तथा उसके दवाई इलाज भोजन पानी की व्...

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दुर्ग । असल बात न्यूज़।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों से आज एक वृद्ध को वृद्धाश्रम पहुंचाया गया तथा उसके दवाई इलाज भोजन पानी की व्यवस्था की गई।प्राधिकरण के द्वारा वृद्ध जनों के सम्मान के लिए करुणा‘‘ के नाम से एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा  विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों में निवास करने वाले वृद्धजनों के सम्मान में ‘‘करुणा‘‘ के नाम से एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राहुल शर्मा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि खुरर्सीपर क्षेत्र में बीमार अवस्था में लावारिस देखा गया जिन्हें 108 की मदद से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

 उपचार पूर्ण होने के उपरांत यह ज्ञात हुआ कि वृद्ध का इस दुनिया में कोई नहीं है। तत्पश्चात उनका कोविड टेस्ट करा कर उन्हें पुलगांव में स्थित वृद्धाश्रम में भर्ती किया गया। वृद्धजन की उम्र 61 साल है। वृद्धजन को उनकी मर्जी से वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया। वह कई साल से अस्वस्थ एवं भीख मांग कर अपनी रोजी-रोटी किया करते थे। श्री राम देव गुप्ता एवं कॉन्स्टेबल श्री विक्रम ठाकुर के सहयोग से उनको उपचार करा कर दवाई दिलवा कर वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया। वरिष्ठ नागरिकों के लिए माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों भरण-पोषण कल्याण अधिनियम 2007 के तहत अपने संतान/परिवारजनों से भरण पोषण एवं रहन सहन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं तथा इसके लिए विधि अनुसार परिवार न्यायालय में प्रकरण भी दर्ज किये जा सकते हैं । प्रायः यह देखने में आता है कि संतान अपने माता-पिता के संम्पत्ति का उपभोग करते हैं, किन्तु उनके भरण-पोषण के दायित्व से अपने का अलग कर देते हैं । माता पिता भी अपनी संतानों के इस कृत्य को आमजनों के सामने लाये जाने में संकोच करते हैं तथा अपने इज्जत एवं सामाजिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए संतानों के द्वारा दी जा रही पीडा को सहन करते हैं ।

 वृद्ध माता-पिता संतानों के द्वारा दिये गये पीड़ा को सहन करते हैं तथा मानसिक रूप से कमजोर होते जाते हैं । वृद्धजनों को अपने संतानों से भरण-पोषण पाने का अधिकार है जिसके लिए उन्हें सामने आना चाहिए । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे वृद्धजनों के लिए भरण-पोषण की राशि संतानों से दिलाये जाने के लिए प्रबल रूप से खडा होकर उन्हें पूरी तरह से विधिक सहायता हेतु मदद करेगा तथा उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करते हुए शासकीय व्यय पर पैनल अधिवक्ता भी उपलब्ध करायेगा । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वृद्धजनों के पारिवारिक मामलों एवं राजीनामा योग्य प्रकरणों का निपटारा काउंसिलिंग अथवा मध्यस्थता अथवा लोक अदालत के माध्यम से निपटाये जाने का प्रयास किया जाता हेेेेै।