Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

व्यास जयंती एवं गुरु पूर्णिमा के अवसर पर " गुरु पूर्णिमा के महत्व " विषय पर कार्यक्रम

  भिलाई। असल बात न्यूज़। इंदिरा गांधी शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय वैशालीनगर भिलाई में  व्यास जयंती एवं गुरु पूर्णिमा के अ...

Also Read

 

भिलाई। असल बात न्यूज़।

इंदिरा गांधी शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय वैशालीनगर भिलाई में  व्यास जयंती एवं गुरु पूर्णिमा के अवसर पर " गुरु  पूर्णिमा के महत्व " विषय में संस्कृत एवं हिन्दी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया गया l

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ श्रीमती अलका मेश्राम एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ कैलाश शर्मा के मार्गदर्शन में कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभागाध्यक्ष श्री महेश कुमार अलेन्द्र ने किया l

कार्यक्रम की शुभारंभ बी ए अंतिम की छात्रा कुमारी देवश्री साहू ने मंगलाचरण श्लोक पाठ की l

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ श्रीमती अलका मेश्राम ने महर्षि वेदव्यास के कृतित्व, वेद, पुराण व गुरुओं में माता  प्रथम  गुरू होती है l गुरु पूर्णिमा न केवल भारत में ही नहीं अपितु  नेपाल, भूटान आदि देशों में भी मनाया जाता है l और  गुरु -शिष्य परम्परा, गुरु के आदर्शों पर  प्रकाश डाला l


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वक्ता डॉ अभिनेष सुराना हिन्दी विभागाध्यक्ष शासकीय वी वाय टी महाविद्यालय दुर्ग ने अपने गुरु को  सादर नमन करते हुए  गुरु - शिष्य संबंध कैसे होने चाहिए ? गुरु  के  बिना ज्ञान  कैसे संभव  ? और गुरु के बिना जीवन कैसा ?  इन पर गहन प्रकाश डाला l और गुरु  हमें अज्ञान से प्रकाश की ओर  ले जाते है, जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं l गुरु की महत्ता के  बारे मे कहते हैं- 

गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागू पाय l

बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियों बताय ll


कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि  जनेद्र  कुमार  दीवान संस्कृत विभागाध्यक्ष शासकीय वी वाय  टी महाविद्यालय  दुर्ग  ने महर्षि वेदव्यास  और  गुरु - शिष्य परम्परा का वर्णन करते हुए  वेद , रामायण, महाभारत, पुराण कालीन प्रसंगों का वर्णन किया l और वशिष्ठ - राम, कृष्ण - सान्दीपनि, परशुराम- कर्ण, चाणक्य - चन्द्रगुप्त आदि गुरु - शिष्य के संबंधों का उदाहरण दिए l

 जो शिष्य गुरु के मार्गदर्शन में चलते हैं वे  कुल, वंश ,देश आदि के नाम रोशन कर जीवन को कृतार्थ करते हैं l


कार्यक्रम के अंत में हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापक श्रीमती कौशल्या शास्त्री ने मुख्य अतिथियों व समस्त प्राध्यापकों, छात्रों, प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया l