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वर्ष 2021 की पहली नेशनल लोक अदालत 10 जुलाई को आयोजित

  दुर्ग । असल बात न्यूज।  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के द्वारा वर्ष 2021 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत की तिथि निर्धारि...

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दुर्ग । असल बात न्यूज।

 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के द्वारा वर्ष 2021 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत की तिथि निर्धारित की गई है। वर्ष 2021 में 10 जुलाई , 11 सितम्बर एवं 11 दिसंबर 2021 को नेशनल लोक अदालत आयोजित की जाएगी।

इस वर्ष की पहली नेशनल लोक अदालत दिनाॅक 10 अप्रैल को आयोजित होने वाली लोक अदालत कोरोना आपदा के कारण निरस्त कर दि गई थी। श्री राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के द्वारा नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन तथा लोक अदालत में अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों के निराकरण किये जाने के संबंध में दुर्ग में पदस्थ न्यायिक अधिकारियों विद्युत वित्त  बैंक के अधिकारियों की की बैठक ली जा रही है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष श्री राजेश श्रीवास्तव ने व्यक्त किया कि कोविड-19 के संक्रमण की अवधि में न्यायलयीन प्रकरण के सुनवाई में व्यवधान उत्पन्न हुआ है। प्रकरणों के पक्षकार अपने न्यायालयीन प्रकरणों को राजीनामा के माध्यम से निराकृत करना चाहते हैं । लोक अदालत में राजीनामा योग्य दाण्डिक प्रकरण , मोटर यान अधिनियम , चेक अनादरण के प्रकरण, विद्युत के मामले अत्यधिक संख्या में निराकृत किये जा सकते हैं, जिसके लिए प्रत्येक न्यायिक अधिकारियों को प्रकरण के अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों से चर्चा कर राजीनामा के अंतिम स्तर तक प्रकरण को पहूंचाया जाकर निराकृत किया जा सकता है । इसके लिए पक्षकारों की प्री-सिटिंग भी  कि जा रही है । 

लोक अदालत असल में हमारे देश में विवादों के निपटारे का वैकल्पिक माध्यम है। इसे बोलचाल की भाषा में ‘‘लोगों की अदालत’’ भी कहते हैं। इसके गठन का आधार 1976 का 42वां संविधान संशोधन है, जिसके तहत अनुच्छेद 39 में आर्थिक न्याय की अवधारणा जोड़ी गई और शासन से अपेक्षा की गई कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य अक्षमताओं के कारण न्याय पाने से वंचित न रह जाए। लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है विवादों का आपसी सहमति से समझौता कराना। नेशनल लोक अदालत फिजिकल  एवं वर्चुअल दोनो मोड से कि जाएगी। 10 जुलाई 2021 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में प्रकरण सुनवाई हेतु रखे जा सकते हैं।

*प्री-लिटिगेशन प्रकरण-* धारा 138 पराक्रम्य लिखत अधिनियम, राशि वसूली प्रकरण, विद्युत /जल कर/से संबंधित प्रकरण, पारिवारिक विवाद, सिविल प्रकरण।


*न्यायालय में लंबित प्रकरण-* राजीनामा योग्य दाण्डिक प्रकरण, धारा 138 पराक्रम्य लिखत अधिनियम, मोटर दुर्धटना दावा प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, पारिवारिक विवाद (तालाक को छोडकर), विद्युत प्रकरण, भूमि अधिग्रहण प्रकरण, अन्य सिविल ए एवं बी क्लास वाद।


नेशनल लोक अदालत में वित्तीय संस्थान (बैंकिग), विद्युत विभाग, नगर निगम , प्री-लिटिगेशन प्रकरण नेशनल लोक अदालत के तिथि के 10 दिवस पूर्व कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं । न्यायालयीन प्रकरण के पक्षकार अपने प्रकरण को लोक अदालत में रखे जाने के संबंध में अपने अधिवक्ता अथवा संबंधित न्यायालय से संपर्क कर सकते हैं।