नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़। देश इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव से गंभीर संकट से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ लॉकडाउन के बीच ...
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार द्वारा खाद्य तेल की असामान्य मूल्य वृद्धि के मुद्दे को हल करने पर चर्चा करने के लिए आयोजित बैठक में सचिव, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार, सचिव कृषि मंत्रालय, भारत सरकार और सचिव, उपभोक्ता कार्य विभाग, भारत सरकार, खाद्य तिलहन के उत्पादक, मिल मालिक, थोक व्यापारी, खाद्य तेल उद्योग क्षेत्र के विभिन्न संघ, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान खाद्य तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि की तुलना में भारत में खाद्य तेल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण के सचिव ने कहा कि "आत्मनिर्भर भारत" अभियान के लिए देश को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है। उन्होने कहा, "आयात पर लगभग 60 प्रतिशत की निर्भरता भारत में खाद्य तेल उद्योग के विकास के लिए उपयुक्त नहीं है। कीमतों को स्थिर बनाए रखने के लिए अल्पकालिक उपायों के बीच संतुलन बनाने और खाद्य तेल उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर को बनाए रखने के लिए जांच और दीर्घकालिक उपाय करने की जरूरत है।"सचिव ने कहा कि सभी राज्यों में खाद्य तेल के व्यापारियों की तरफ से खाद्य तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए।
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत में तिलहन का उत्पादन और घरेलू उपलब्धता, खाद्य तेल की घरेलू मांग की आवश्यकता से काफी कम है। हर साल बड़ी मात्रा में खाद्य तेल का आयात किया जाता है। खाद्य तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बदलाव से खाद्य तेल की घरेलू भारतीय कीमत पर असर पड़ता है।