Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

सावधान रहने की जरूरत,कोरोना के थर्ड वेव में बच्चों को अधिक नुकसान पहुंचने की आशंका, जिले में बच्चों के उपचार की व्यवस्था की प्लानिंग शुरू

  - डॉक्टरों ने कहा कि थर्ड वेव आने पर बच्चों के बड़ी मात्रा में संक्रमित होने की आशंका कम अतएव पैनिक होने की जरूरत नहीं लेकिन तैयारी रखना...

Also Read

 

- डॉक्टरों ने कहा कि थर्ड वेव आने पर बच्चों के बड़ी मात्रा में संक्रमित होने की आशंका कम अतएव पैनिक होने की जरूरत नहीं लेकिन तैयारी रखना जरूरी ताकि आपदा आने पर इसे टाला जा सके

- चंदूलाल चंद्राकर कोविड हास्पिटल में 25 बेड चाइल्ड आईसीयू पर कार्य आरंभ, प्राइवेट हास्पिटल को दिये गये निर्देश, किसी भी आपात स्थिति को देखते हुए अभी से तैयार कर लें व्यवस्था

दुर्ग । असल बात न्यूज़।

कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है और इस third wave में बच्चों को अधिक नुकसान पहुंचने की आशंका जाहिर की जा रही है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसकी आशंका जाहिर की है। आमतौर पर बच्चे मास्क नहीं पहनना चाहते।इससे बचने की कोशिश करते हैं। आशंका जाहिर की जा रही है  ऐसी ही असावधानी बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। फिलहाल थर्ड वेव में बच्चों के संक्रमण का अधिक शिकार होने की आशंका के मद्देनजर अस्पतालों में उनके समुचित उपचार के लिए व्यवस्थाएं की जानी शुरू कर दी गई हैं। बच्चों को अलग-अलग आयु वर्ग  में  बांटकर उसकी तैयारी की जा रही है।

 कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने पुख्ता तैयारियाँ आरंभ कर दी हैं। इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि  थर्ड वेव में बच्चे भी गंभीर संक्रमण का शिकार हों सकते हैं।,   आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में इस संबंध में सरकारी हास्पिटल तथा प्राइवेट हास्पिटल के मैनेजमेंट से चर्चा की गई। बैठक में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कहा कि बच्चों में इम्यूनिटी अच्छी होती है अतएव इस बात की आशंका कम है कि थर्ड वेव आने पर वे बड़ी संख्या में प्रभावित हों। सहायक कलेक्टर  हेमंत नंदनवार ने कहा कि हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए।  इस तरह की कोई परिस्थिति आने पर, उससे निपटने सरकारी एवं प्राइवेट हास्पिटल में पूरी व्यवस्था होनी चाहिए, इसे निर्धारित करने और मिलकर ऐसी किसी परिस्थिति से निपटने यह बैठक बुलाई गई है।

 बैठक में अपर कलेक्टर  बीबी पंचभाई ने कहा कि जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियाँ आरंभ कर दी हैं। चंदूलाल चंद्राकर हास्पिटल में 25 बेड चाइल्ड आईसीयू बनाया जा रहा है। 35 स्टाफ नर्स को पीडियाट्रिक आईसीयू स्टाफ नर्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। चाइल्ड ट्रीटमेंट से संबंधित गाइडलाइन के मुताबिक यहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर अपडेट किया जा रहा है। प्राइवेट हास्पिटल को भी गाइडलाइन से अवगत करा दिया जाएगा।

आक्सीजन हुड की व्यवस्था रखें*- बैठक में सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने कहा कि बच्चे भी तीन आयु वर्ग के होंगे। नवजात से लेकर 6 वर्ष, 6 से 10 और इसके बाद किशोर बच्चे। छोटे बच्चों के लिए आक्सीजन हुड की जरूरत होगी ताकि उन्हें आक्सीजन सपोर्ट देने में किसी तरह की असुविधा न हो। वेंटीलेटर बेड्स को बच्चों के मुताबिक एडजस्ट करना होगा। नवजात शिशुओं के लिए एचएफएनसी( हाई फ्लो नैसल कैन्युला) की जरूरत होगी। सभी हास्पिटल इसके लिए तैयारियाँ कर लें। सबसे बड़ी जरूरत आईसीयू स्टाफ पीडियाट्रिक नर्स की होगी। आईसीयू स्टाफ नर्स को इसके मुताबिक प्रशिक्षित कर लें तथा ट्रेनिंग भी दे दें। 

हर अस्पताल में चस्पा होगा प्रोटोकाल*- बच्चों के मेडिसीन प्लान के संबंध में गाइडलाइन हर अस्पताल में चस्पा किये जाने के सुझाव भी दिये गये। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञों ने बताया कि बच्चों के लिए रेमडेसिविर आदि डोज का प्लान और सभी दवाओं की खुराक के प्लान हर अस्पताल में चस्पा होने चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण बेहद जरूरी है। जितनी ज्यादा संख्या में वेबिनार हों, इसका लाभ उतना ही होगा। मेडिकल आफिसर डॉ. सुगम सावंत ने बताया कि इसके लिए तैयारियाँ प्रशासन द्वारा की जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. बाल किशोर ने जिला अस्पताल में चाइल्ड केयर के लिए की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी।