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वायरस की प्रकृति में बहुत तेजी से बदलाव की वजह से उसे समझने में देरी हुई है और यह घातक साबित हो रहा है

  नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़। 0  विशेष प्रतिनिधि कोरोनावायरस कोविड-19 के बारे में जैसे अनुमान लगाये जाते हैं अक्सर वैसा नहीं होता।...

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नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।

0  विशेष प्रतिनिधि

कोरोनावायरस कोविड-19 के बारे में जैसे अनुमान लगाये जाते हैं अक्सर वैसा नहीं होता।कोरोना वायरस अपना स्वरूप लगातार बदल रहा है। यह अपना स्वरूप, गुण और लक्षण  बार-बार कैसे और क्यों बदलता है यह अभी बहुत अधिक स्पष्ट नहीं हो सका है। कोरोना की दूसरी लहर इतनी अधिक खतरनाक , भयावह और जानलेवा साबित होगी, देश के वैज्ञानिक इसका अनुमान नहीं लगा सके थे। कोरोना का वायरस किसी व्यक्ति के फेफड़े तक पहुंच जाता है तो वह इतनी अधिक तेजी से फेफड़े सहित शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाता है कि उसकी कल्पना कर पाना मुश्किल होता है। यह वायरस शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है तो सिर्फ दो  - तीन दिनों में लोगों की जान तक चले गई है।

कोरोना वायरस की सबसे खतरनाक विशेषता है कि यह बहुत अधिक घातक और जानलेवा साबित हो रहा है। इस से संक्रमित होने वाले लोगों की  सिर्फ तीन-चार दिनों में जान चली जा रही है।इसीके चलते इस बार आया उसको लेकर पूरे दुनिया में हाहाकार और आतंक मचा हुआ है। लोग इसके संग्रहण के फैलाव से दहशत में है। चिंताजनक बात यह है कि इस वायरस की स्प्रेडिंग बहुत तेज गति से होती है। यह किसी व्यक्ति के शरीर में सिर्फ नाक और मुंह  के जरिए शरीर के भीतर पहुंचता है। सबसे पहले यह गले में नुकसान पहुंचाता है। उससे सर्वप्रथम संक्रमित व्यक्ति की आवाज बदल कर सामान्य से अपेक्षाकृत मोटी हो जाती है। सबसे पहले आवाज में ही बदलाहट आती है। उसके बाद संक्रमण बढ़ने के साथ शरीर में बुखार आने लगता है। अभी सवाल उठ रहा है कि दूसरी लहर में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलाव  इतनी तेज गति से क्यों हुआ। ऐसे क्या कारण और परिस्थितियां थी जो इसके अधिक तेज गति से फैलाव में सहायक बनी।

कोविड-19 के प्रक्षेपवक्र को अंकित करने के लिए सूत्र मॉडल पर काम कर रहे वैज्ञानिकों का इस बारे में कहना है कि हम टीम के वैज्ञानिक, जो कोविड-19 के प्रक्षेपवक्र को अंकित करने के लिए सूत्र मॉडल पर काम कर रहे हैं, हमारे गणितीय मॉडल की भविष्यवाणियों से संबंधित कुछ तथ्यों के बारे में स्पष्ट रूप से बताना चाहते हैं।  कुछ भविष्यवाणियों को गलत ढंग से समझाऔर उद्धृत किया गयाहै। 

राष्ट्रीय स्तर पर इस महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया को समन्वित करने वाले सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों में से एक ने 2 अप्रैल को बुलाई गई एक बैठक में हमसे इनपुट मांगे थे। हमने संकेत दिया कि सूत्रमॉडल ने अप्रैल के तीसरे सप्ताह तक दूसरी लहर के चरम पर पहुंचने की भविष्यवाणी की है और दैनिक मामलों की संख्या लगभग 1 लाख रहने की संभावना है। साफ तौर परइस मामले में सूत्र मॉडल की भविष्यवाणी नीचे दिए गए कारणों से गलत निकली।हम वायरस के प्रसार की भविष्यवाणी करने के लिए एक गणितीय मॉडल पर काम कर रहे हैं।

 यहां यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कोई भी गणितीय मॉडल केवल तभी कुछ निश्चितता के साथ भविष्य के बारे में भविष्यवाणी कर सकता है, जब वायरस का आयाम और इसकी प्रसार क्षमता समय के साथ पर्याप्त रूप से न बदले। गणितीय मॉडल बिना– दवा आधारितउपायों जैसे विभिन्न नीतिगत निर्णयों के अनुरूप वैकल्पिक परिदृश्यों की भविष्यवाणी करने की एक प्रक्रिया के बारे में भी बता सकता हैं। कोविड-19 के मामले में, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि वायरस की प्रकृति बहुत तेजी से बदल रही है। ऐसीस्थिति में, कोविड-19 से जुड़ी किसी भी भविष्यवाणी में लगातार,कभी-कभी लगभग रोजाना,फेरबदल करके उसे दुरूस्त रखना चाहिए।