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सेंट थॉमस महाविद्यालय में उद्यमिता विकास पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

  भिलाई। असल बात न्यूज़। सेंट थॉमस महाविद्यालय की उद्यमिता विकास इकाई ने “उद्यमिता 21वीं सदी की आवश्यकता” विषय पर   राष्ट्रीय वेबिनार का आयो...

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भिलाई। असल बात न्यूज़।

सेंट थॉमस महाविद्यालय की उद्यमिता विकास इकाई ने “उद्यमिता 21वीं सदी की आवश्यकता” विषय पर   राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया| इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ राजकुमार सिंह एवं श्री मुकेश रावल थे|

 प्रोफेसर डॉ राजकुमार सिंह वाराणसी के स्कुल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेस के रिसर्च एवं डेवलेपमेंट विभाग के डीन एवं वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष हैं तथा श्री मुकेश रावल भिलाई स्थित होमकेयर प्रोडक्ट्स कंपनी के डायरेक्टर एवं एक उद्यमी हैं| यह कार्यक्रम बायोटेक्नोलोजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका एवं संयोजक डॉ शुभा दीवान तथा सहसंयोजक वाणिज्य विभाग  की सहायक प्राध्यापिका डॉ सुनीता क्षत्रिय द्वारा डीन एकेड्मिक्स डॉ विनीता थॉमस एवं सेंट थॉमस महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एम. जी. रोईमोन के मार्गदर्शन में संचालित किया गया| हिस ग्रेस डॉ. जोसेफ मार डायनोशियस मैनेजर बिशप एवं प्रशासक फादर डॉ जोशी वर्गीस ने सम्पूर्ण प्रयासों की सराहना की|

 प्रथम वक्ता डॉ सिंह ने आयडिया आगे बढ़ाने एवं कठिन परिश्रम करने पर जोर दिया| उन्होंने कहा कि “बड़ा सोचे पर आरंभ धीरे से एवं छोटे से करें”| उन्होंने बताया कि नवीन उद्यमों में किस प्रकार के लाभ एवं हानियां सम्बद्ध हैं एवं व्यापार के साथ किस प्रकार के नरम एवं कड़क विचार जुड़े हुए हैं| उन्होंने सभी जोखिमों के साथ व्यापार प्रबंधन की बात भी की एवं कहा कि एक उद्यमी को अनिश्चिताओं, उतार चढ़ाव एवं भारत सरकार की योजनाओं की भी जानकारी होनी चाहिए| अपने व्याख्यान के पश्चात् उन्होंने छात्रों की शंकाओं का समाधान किया| कार्यक्रम के द्वितीय एवं अंतिम वक्ता श्री रावल ने उद्यमिता के व्यावहारिक ज्ञान के महत्व पर फोकस किया| उन्होंने अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि किस प्रकार छात्र जीवन में ही उन्होंने अपने पिता के साथ पढ़ाई के साथ साथ व्यापार में कार्य करना प्रारंभ किया एवं अपनी माता के नाम से स्वयं की कंपनी स्वर्णा को आरंभ किया| उन्होंने अपने पिता के संघर्ष के बारे में भी बताते हुए कहा कि उन्होंने किस प्रकार व्यापार से सम्बंधित ज्ञान प्राप्त किया|

 उन्होंने कहा कि उद्यमी को किसी भी परिस्थिति में प्रोडक्ट् की गुणवत्ता से समझौता नही करना चाहिए| वाणिज्य विभाग की डॉ रिंसी बी. अब्राहम एवं अर्थशास्त्र विभाग की डॉ अपर्णा घोष ने कार्यक्रम के सफल संचालन में तकनीकी रूप से अपनी भूमिका निभाई| अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की सहसंयोजक वाणिज्य विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ सुनीता क्षत्रिय ने दिया|