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ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल तथा निस्तारी कार्य के लिए पानी के संकट के मामले में सांसद विजय बघेल गंभीर, नहरों से पानी छोड़े जाने के बाद अधिकारियों को पानी को व्यर्थ बहने से रोकने तथा जल संरक्षण के उपाय करने को कहा, भिलाई निगम के आयुक्त से भी की बातचीत और कोहका, कुरूद, जुनवानी के तालाबों में नहर से पानी भरने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का दिया निर्देश

  विभिन्न क्षेत्रों में नहरों से पानी छोड़ा जा चुका है और वहां हुआ है भूजल स्तर में काफी सुधार दुर्ग, भिलाई। असल बात न्यूज़। गर्मी के दिनों ...

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विभिन्न क्षेत्रों में नहरों से पानी छोड़ा जा चुका है और वहां हुआ है भूजल स्तर में काफी सुधार

दुर्ग, भिलाई। असल बात न्यूज़।

गर्मी के दिनों के आगमन के साथ इस साल दुर्ग जिले में अभी से पानी का संकट विकराल होता जा रहा है। शहरी के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी भूजल स्तर के  नीचे चले जाने की शिकायतें आने लगी है। इससे लोगों को शुद्ध पेयजल तक मिलना मुश्किल हो गया है। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल,इस संकट से लोगों को निजात दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।  उन्होंने इसके लिए जिले के कलेक्टर तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बातचीत की है। उन्होंने बताया कि बातचीत का सकारात्मक परिणाम सामने आया हैं। 80% क्षेत्रों में नहरों से पानी छोड़ दिया गया है। इन इलाकों में भूजल स्तर सुधर रहा है। सांसद श्री बघेल ने आम लोगों से भी लगातार गहराती जा रही पानी की समस्या के निराकरण के लिए पानी को व्यर्थ नहीं बहने  देने तथा जल का संरक्षण करने की अपील की है।

दुर्ग जिला इस समय कोरोना संकट से गंभीर रूप से जूझ रहा है। कोरोना के चलते यहां चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। दूसरी तरफ यहां के कई इलाकों में पानी की समस्या विकराल होने लगी है। बताया जा रहा है कि इस साल अक्टूबर महीने के बाद से क्षेत्र में कहीं बारिश नहीं हुई है जिसके चलते  फरवरी महीने के बाद से जिले में विभिन्न क्षेत्रों में पानी की समस्या गंभीर होने लगी है। तलाब और बोरिंग सूखने लगे हैं। सांसद विजय बघेल ने कहा है कि  क्षेत्र में आबादी का दबाव बढ़ा है और जमीन के नीचे से पानी का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है। इन सबके चलते क्षेत्र में भूजल स्तर तेजी से गिरावट आती जा रही  है। दूसरी तरफ क्षेत्र में जल संरक्षण की कोई कारगर नीति नहीं है। बारिश के दिनों में समुचित उपाय नहीं होने की वजह से वर्षा का पानी व्यर्थ बह जाता है। 

सांसद विजय बघेल ने बताया कि नहरों से पानी छोड़ दिए जाने के बाद लोगों को राहत मिली है।उन्होंने कहा कि जलाशयों में भी पानी कम है, ऐसे में हमें अभी   पानी को व्यर्थ बहने से रोकने के लिए भी कदम उठाना जरूरी है।  उन्होंने सिंचाई विभाग के  अधिकारियों को नहरों में छोड़े गए पानी को व्यर्थ बहने से बचाने तथा जल संरक्षण के लिए भी समुचित उपाय करने को कहा है। उन्होंने तांदुला जलाशय के वरिष्ठ अधिकारियों को बेमेतरा जिले में भी नहरों से अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने को कहा है ताकि यहां भी भूजल स्तर में सुधार सकें।

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सांसद श्री विजय बघेल ने  बताया कि क्षेत्रों में अभी पानी की समस्या से ठीक हुई है। लेकिन कुछ क्षेत्र में अभी भी तालाबों को भरने का काम शुरू नहीं किया गया है। कोहका, कुरूद, जुनवानी इत्यादि क्षेत्रों में अभी भी तालाबों में पानी भरा नहीं गया है।इस वजह से इन इलाकों में पानी की कमी की समस्या काफी गंभीर होती जा रही है। यहां भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है और लोगों को शुद्ध पेयजल तथा निस्तारी कार्य के लिए पानी नहीं मिलने की गंभीर समस्या पैदा हो गई  है। उन्होंने बताया कि इस इलाके में गोकुलधाम भी स्थित है। पशुओं के लिए भी पानी की जरूरत पड़ती है लेकिन यहां पूरी व्यवस्था चरमराई नजर आ रही है। उन्होंने आज इस संबंध में नगर निगम भिलाई के आयुक्त श्री रघुवंशी से भी बातचीत की है तथा उन्हें नहरों से  तालाबों में पानी भरने के लिए तत्काल समुचित व्यवस्था करने के लिए कदम उठाने को कहा है। अभी क्षेत्र के लोगों को पानी लाने के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है।

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सांसद विजय बघेल ने कहा कि     भिलाई के लोगों को अभी टाउनशिप क्षेत्र में गंदे पानी की समस्या से भी जूझना पड़ा है लेकिन अब इस समस्या को दूर करने  के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं।।  उन्होंने निगम क्षेत्रों में water harvesting system को प्रत्येक शासकीय भवन तथा हर घर में स्थापित करने की योजना पर भी गंभीरता पूर्वक काम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को स्थापित करने का काम शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी प्राथमिकता पूर्वक होना चाहिए।   गर्मी के दिनों में  भूजल स्तर नीचे गिरना प्रत्येक वर्ष की समस्या बन गई है जोकि चिंताजनक है। इस समस्या  के हल के लिए स्थाई समाधान खोजा जाना चाहिए।   गर्मी के दिनों में अभी प्रत्येक वर्ष आम लोगों को स्वच्छ पानी मिलना मुश्किल होने लगता है।