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सारे पुराने चेहरों को खारिज कर नए प्रगतिशील भिलाई के निर्माण का अवसर

  भिलाई। असल बात न्यूज़। 0 चिंतन / मुहिम नगर निगम भिलाई के अधिकारियों कर्मचारियों के बदला नहीं जा सकता। उनको स्थाई नौकरी मिल गई है। लेकिन अप...

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 भिलाई। असल बात न्यूज़।

0 चिंतन / मुहिम

नगर निगम भिलाई के अधिकारियों कर्मचारियों के बदला नहीं जा सकता। उनको स्थाई नौकरी मिल गई है। लेकिन अपने जनप्रतिनिधियों, अपने सेवकों, अपने पार्षदों को बदलना हमारे हाथ में है। अब यह गंभीर रूप से विचार करने का अवसर आ गया है कि जो हमारे जनप्रतिनिधि 15-20 सालों से हमारे वार्ड से सेवक के रूप में चुने जा रहे हैं उन्होंने क्षेत्र के लिए क्या किया है और 15 सालों में उनकी क्या तरक्की हो गई है ? इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने से पहले ऐसे तमाम सवालों पर विचार करना अत्यंत जरूरी है। वरन सिर्फ हमारे सेवकों, जनप्रतिनिधि का विकास होता रहेगा और वार्ड विकास के लिए तरसता रहेगा। हजारों की संख्या में युवा इस बार पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उनके पास अपने वार्ड का भविष्य चुनने का बेहतर अवसर है। उन्हें भेड़ चाल से बचने की जरूरत होगी। उन तथाकथित विकास के ठेकेदारों से भी बचने की जरूरत है जो यह दावा करते थकते नहीं हैं कि वे नहीं होते तो उनके क्षेत्र में विकास का ऐसा कोई काम नहीं होता। युवाओं को जानकारी ना हो तो अपने बड़े बुजुर्गों से सलाह लेनी चाहिए, विचार विमर्श करना चाहिए कि उनके जो यह तथाकथित विकास के महा योद्धा हैं उनकी पहले की हालत क्या थी  ? और आज वे कैसे करोड़पति बन गए हैं ? वे  काम क्या करते हैं जो दूसरे लोगों की तुलना में इतनी अधिक करोड़पति बन जाते हैं या बन जा रहे हैं। युवाओं को यह सब विचार विमर्श कर अपने मताधिकार का प्रयोग करने की जरूरत है। बड़ी संख्या में हजारों की संख्या में युवा रोजगार के लिए तरस रहे हैं। उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। रोजगार के लिए उन्हें प्रदान करना पड़ रहा है। नगरी निकाय प्रशासन के भी इन हजारों शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है।लेकिन नगरी य  प्रशासन विभाग ने अपनी इस जिम्मेदारी को शायद ही कभी गंभीरता पूर्वक निर्वहन किया। रोजगार नहीं मिलने की वजह से शिक्षित बेरोजगारों को पलायन करना पड़ रहा है। बेशकीमती जमीनों पर अतिक्रमण हो जाने दिया गया लेकिन स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को वह दुकान बनाकर, पूरी दुकान देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध करा ने की कभी कोशिश नहीं की गई।अब ऐसे पीड़ित शिक्षित बेरोजगारों को अपने मताधिकार के प्रयोग करने का अवसर आ गया है।