किसी भी वस्तु का अचानक दाम बढ़ाकर मुनाफावसूली करने की प्रवृत्ति बाजार में बढ़ती जा रही है। आम लोगों ने कभी दैनिक जरूरत की चीजें जैसे कभी ...
किसी भी वस्तु का अचानक दाम बढ़ाकर मुनाफावसूली करने की प्रवृत्ति बाजार में बढ़ती जा रही है। आम लोगों ने कभी दैनिक जरूरत की चीजें जैसे कभी प्याज, कभी दाल, कभी आलू तो कभी बेशकीमती चीजें सोने चांदी की कीमतों में अचानक बेतहाशा वृद्धि कर कारोबारियों को भारी मुनाफा वसूली करते देखा है। अभी कोई ठोस कारण नहीं है लेकिन सीमेंट की कीमतों में 25 से 40% तक की वृद्धि कर दी गई है। 20 दिन पहले ₹230 में बिक रही सीमेंट ₹300 प्रति बोरी तक बेची जा रही है। ट्रांसपोर्ट व्यवसाती अभी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं तथा cement का परिवहन नहीं कर रहे हैं।बावजूद इसके बाजार में सीमेंट बराबर उपलब्ध है लेकिन इसकी कृत्रिम कमी कर सीमेंट के दामों में प्रति बोरी बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है। समस्या यह है कि अचानक किसी भी चीज के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी कर मुनाफा वसूली शुरू की जाती है तो शासन-प्रशासन, सरकार भी उससे तत्काल निपट पाने में असहाय नजर आती है।मूल्य वृद्धि से भवन निर्माता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उनका बजट बिगड़ गया है।₹10 की चीज 15 रुपए में खरीदी कर रही है।
रायपुर, । असल बात न्यूज।
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देश के सबसे बड़े सीमेंट उत्पादक राज्य छत्तीसगढ़ में सीमेंट की कीमत आसमान पर पहुंच गई है। सिर्फ 1 महीने के भीतर सीमेंट की कीमत ₹230 से बढ़कर ₹300 प्रति बोरी पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि ट्रांसपोर्टर्स के द्वारा परिवहन भाडे में वृद्धि करने की मांग को लेकर सीमेंट का उठाव नहीं किया जा रहा है जिसके कारण यह मूल्य वृद्धि हुई है। ऐसे में भवन निर्माताओं को मनमाने दाम पर सीमेंट खरीदना पड़ रहा है। ट्रांसपोर्टर डीजल का दाम बढ़ने से भाड़ा बढ़ाने की मांग की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं लेकिन सीमेंट के दामों में इतनी अधिक मूल्य वृद्धि आखिर कमाई कौन कर रहा है ? मूल्य वृद्धि का यह पैसा आखिर किसकी जेब में जा रहा है ? यह समझ से परे है। इस मूल्य वृद्धि से आम लोग त्रस्त हो रहे हैं।सरकार ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधियो से बातचीत कर इस समस्या का हल निकालने के उपाय कर रही है। लेकिन समस्या का हल नहीं निकलने तक आम जनता लूट रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य देश के सबसे बड़े सीमेंट उत्पादक राज्यों में से एक है। यहां अंतरराष्ट्रीय, रष्ट्रीय स्तर की सभी सीमेंट निर्माता कंपनियों के कारखाने यहां स्थापित है। यह सभी छत्तीसगढ़ के बेशकीमती मानव श्रम, जल, जंगल जमीन, तथा खनिज संसाधनों का प्रचुर मात्रा में उपयोग करते हैं। लेकिन इसके बाद में छत्तीसगढ़ के लोगों को कुछ नहीं मिलता। सरकार को नाममात्र की रॉयल्टी मिलती है। लेकिन इन सीमेंट निर्माता कंपनियों मैं छत्तीसगढ़ के लोगों को रोजगार नाममात्र को भी नहीं मिला है। और अब मुनाफावसूली के चलते ही यहां के लोगों को आज महंगे दामो पर सीमेंट भी करना पड़ा है। छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ की जनता सीमेंट के दाम में ऐसी बेतहाशा मूल्य वृद्धि को बार-बार झेल चुकी है।और अब लगता है कि ऐसी मूल्य वृद्धि झेलना इस जनता की नियति बन गई है। वास्तविकता यह है कि सीमेंट के दाम में प्रति बोरी ₹10 की वृद्धि होने से करोड़ों रुपए का वारा न्यारा हो जाता है।