नई दिल्ली। असल बात न्यूज़। स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरतों को देखते हुए देश में एमबीबीएस की सीटों की संख्या बढ़ाकर 80 हजार तक करने का प्रयास क...
नई दिल्ली। असल बात न्यूज़।
स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरतों को देखते हुए देश में एमबीबीएस की सीटों की संख्या बढ़ाकर 80 हजार तक करने का प्रयास किया जा रहा है। वही medical के पीजी कॉलेज में लगभग 25000 सीटों की बढ़ोतरी की जा रही है।उक्त जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दी है। उन्होंने बताया कि हमने देश में 22 नए एम्स और 127 मेडिकल कालेज शुरू किया है। उक्त जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रेड क्रॉस सोसायटी मुख्यालय में एनएटी जांच सुविधा के उद्घाटन समारोह मैं बोलते फिर उक्त आशय की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस साल बजटीय आवंटन में 137 फीसदी बढ़ोतरी कर समग्र स्वास्थ्य देखभाल के लिए प्रतिबद्धता का अनुकरण किया गया है।
मंत्री ने आगे बताया कि पारंपरिक एलिसा टेस्ट की जगह अब एनएपी टेस्ट शुरू किया गया है इस से संक्रमण का पता लगाने की अवधि और एचआईवी, हेपेटाइटिस बी एवं हेपेटाइटिस सी के संक्रमण के जोखिम काफी कम हो जाएंगी।
उन्होंने आगे ये भीबताया कि कैसे रक्त आधान आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन का एक अनिवार्य हिस्सा है। मंत्री ने कहा, “विकसित देशों में एक साल के दौरान प्रति 1000 लोगों में से 50 व्यक्ति रक्तदान करते हैं। हमारे देश में प्रति 1000 लोगों में से 8-10 व्यक्ति रक्तदान करते हैं। 138 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत में सालाना लगभग1.4 करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत होती है। आदर्श रूप में कुल योग्य आबादी का अगर 1 फीसदी हिस्सा भी रक्त दान करता है तो इसकी कमी नहीं होगी।”
उन्होंने इन सुविधाओं के शुरू होने पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने स्टेट-ऑफ-द-आर्टअत्याधुनिक उन्नत हेमोजेनोमिक्स सुविधा स्थापित करने संबंधी विचार का भी स्वागत किया।
डॉ. हर्षवर्धन ने सभी को यह याद दिलाया कि रक्त की नियमित एवं सुरक्षित आपूर्ति के लिए 100 फीसदी स्वैच्छिक और गैर-पारिश्रमिक रक्त दाताओं के लक्ष्य को अब तक प्राप्त नहीं किया जा सका है।उन्होंने कहा, “जिन देशों में कुशलस्वैच्छिक रक्त दाता संगठन हैं, वे दाताओं की नियमित आने को बनाए रखने में सक्षम हैं।