Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

पाटन, झिट व गाढ़ाडीह सेक्टर में कुष्ठ के 4 मरीज मिले

    इन इलाकों में कुष्ठ  रोगी खोज  अभियान चलाया गया  दुर्ग, ।असल बात न्यूज़ ।  राष्ट्रीय कुष्ठ उन्नमूलन कार्यक्रम के तहत जिले के पाटन ब्लॉक क...

Also Read

 

 इन इलाकों में कुष्ठ  रोगी खोज  अभियान चलाया गया 

दुर्ग, ।असल बात न्यूज़

 राष्ट्रीय कुष्ठ उन्नमूलन कार्यक्रम के तहत जिले के पाटन ब्लॉक को कुष्ठ मुक्त करने को कुष्ठ रोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है । इस दौरान यहां के पाटन झीट तथा गाडाडीह सेक्टर में  कुष्ठ के 4 मरीज पाए गए हैं।

“मेरा ग्राम कुष्ठ मुक्त ग्राम” की परिकल्पना को साकार करने को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन द्वारा गाँव के घर-घर सर्वे में कुष्ठ के स्ंदिग्ध मरीजों की पहचान की जा रही है । अभियान के अंतर्गत ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर पाटन, झिट व गाढ़ाडीह सेक्टर में 85 संभावित मरीजों की खोज की गई । इन संभावित मरीजों की तीनों नॉन मेडिकल अस्सिटेंट ( एनएमए) दल द्वारा जांच में 2 पीबी और 2 एमबी स्तर के कुल 4 नए कुष्ठ प्रभावित मरीज मिले हैं । बाँकी 81 लोगों के शरीर में दाद, खाज-खुजली, बेमची सहित अन्य प्रकार के चर्म रोग से प्रभावित मरीजों के लिए चर्म रोग निदान और उपचार शिविर का आयोजन किया जाएगा । नॉन मेडिकल अस्सिटेंट ( एनएमए) दल द्वारा रानी तराई, बटरेल, भिलाई-3 सेक्टर के 20-20 गांवों में संभावित मरीजों की सत्यापन कार्य अंतिम चरण में जारी है। 

बीएमओ डॉ आशीष शर्मा ने बताया, “पाटन ब्लॉक में घर-घर सर्वे के लिए 24 नॉन मेडिकल अस्सिटेंट ( एनएमए) व सेवानिर्वित्त एनएमए को जांच दल में सत्यापन के लिए लगाया गया है “मेरा ग्राम कुष्ठ मुक्त ग्राम” अभियान को सफल बनाने को पाटन ब्लॉक के 112 ग्राम पंचायतों के 146 गाँव स्तर पर ग्राम पंचायतों के स्थानीय जनप्रतिनिधि सरपंच, पंच, सामाजिक कार्यकर्ता मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्तायों का उन्मुखीकरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में 4,500 लोगों को ट्रेनिंग दिया गया था।“ डॉ शर्मा ने बताया, “महिलाओं की प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए कुष्ठ निदान उन्मूलन के इस कार्यक्रम में मितानिनों को भी लगाया गया है। इसके अलावा अभियान में सेवानिवृत्त एनएमए से उनके अनुभवों का लाभ लेने के लिए भी कुष्ठ खोज में सहयोग लिया जाएगा। इनकी मॉनिटरिंग के लिए एएनएम व सुपरवाइजरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दुर्ग जिले की प्रति 10,000 जनसंख्या पर 2.0 कुष्ठ प्रसार दर है। अभियान से इसे 01 से नीचे लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है ।“

इस अभियान के तहत मेरा ग्राम कुष्ठ मुक्त ग्राम की परिकल्पना  को साकार करने की व्यापक योजना के तहत पुराने कुष्ठ प्रभावित लगभग 200 मरीजों के परिवार के सदस्यों को भी पीईपी के तहत कुष्ठ की दवाई की एक खुराक खिलाई गई। गाँव को कुष्ठ मुक्त बनाने की दिशा में जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग मांगा जा रहा है। 

ग्राम पंचायतों को आधार बनाकर जनप्रतिनिधियों से भी अपील कराई जा रही है । इस अभियान में अधिक से अधिक लोगों को जुड़नें और सफल बनाने के लिए जागरूकता प्रचार रथ भी रवाना किया गया है। प्रत्येक परिवारों को कार्ड में कुष्ठ रोग के लक्षण व पहचान के बारे में जानकारियां देकर जागरूक किया जा रहा है। इस कार्ड में परिवार के मुखिया द्वारा परिवार के सदस्यों के शरीर में असामान्य दिखने वाले लक्षणों की पहचान कर तीन दिन बाद मितानिन दीदीयों को वापस दिया जा रहा है। कुष्ठ से मिलते जुलते किसी भी लक्षण नजर आने पर संबंधित परिवार के सदस्यों की जांच व स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा करते हुये निशुल्क इलाज़ और दवाई प्रदान किया जा रहा है । मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के गृहभ्रमण करने के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के दो गज दूरी और मास्क लगाना जरूरी के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है ।अभियान को सफल बनाने ट्रेनर एसडी बंजारे, अजय रावत, अल्का रावत, आरपी उपाध्याय , शारदा साहू , डिपी वर्मा, अजया देवांगन, माया कश्यप , टी आर साहू, के एस वर्मा, सी एल मैत्री , अंजाना शर्मा,  पी आर साहू, जे डी मानिकपुरी , एमके देवांगन , बीएल माहेश्वरी, मोहनलाल देवांगन, पीआर बंजारे, एसके देवांगन , नर्द प्रसाद वर्मा, एस के वर्मा व जेके सबजई  द्वारा ग्राम पंचायतों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।