राजनांदगांव । असल बात न्यूज़।

 कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने शीत लहर के मद्देनजर अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। भारत सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकारण एवं भारत मौसम विज्ञान केन्द्र के व्दारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश के अनुसार प्रदेश में सामान्यत: माह दिसम्बर से जनवरी के बीच ठंड की व्यापकता और तीक्षणता कभी-कभी शीत लहर का रूप ले लेती है। इस वर्ष भी दिसम्बर माह के प्रारंभ से ठंड प्रारंभ हो गई है। नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में बसे नि:सहायआवासहीनगरीबवृद्ध एवं स्कूल जाने वाले विद्यार्थी के ठंड से प्रभावित होने की संभावना है। इसके लिए शीत लहर से प्रभावित होने वाले जनसामान्य के बचाव के लिए समुचित प्रबंधन करने के लिए कहा गया। 

शीतलहर की परिस्थितियाँ -

सामान्य क्षेत्रों में जहाँ न्यूनत्तम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उसके बराबर होता है तो शीतलहर मानी जाएगी। सामान्य स्थिति में 5 डिग्री सेल्सियस या 6 डिग्री सेल्सियस होने पर गंभीर शीतलहर मानी जाएगी। विचलन तापमान 7 डिग्री सेल्सियस माना जाएगा। पहाड़ी क्षेत्रों में सामान्य न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे बराबर होता है तो शीतलहर मानी जाएगी। सामान्य स्थिति में 4 डिग्री सेल्सियस से 5 डिग्री सेल्सियस होने पर गंभीर शीतलहर मानी जाएगी। विचलन तापमान 6 डिग्री सेल्सियस माना जाएगा। ऐसे क्षेत्र जहाँ सामान्य न्यूनतम तापमान 0 डिग्री सेल्सियस या इससे कम होने की स्थिति में सामान्य शीतलहर को न्यूनतम घोषित किया जाय। परन्तु यह मापदण्ड उन क्षेत्रों के लिए लागू नहीं होगा जहाँ सामान्य स्थिति में डिग्री सेल्सियस से कम तापमान रहता है।

राज्य में किसी जिले को शीतलहर या पाला से प्रभावित मानने के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा निर्धारित तापमान आंकड़ों के आधार प्रभावित माना जाएगा। राज्य में शीतलहर या पाला की स्थिति में निसहाय एवं आवासहीन जन समुदाय को शीतलहर या पाला से बचाव के लिए निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए। रैन बसेराअस्थायी शरण स्थलों की व्यवस्था - रिक्शा चालकोंदैनिक मजदूरोंआवास विहीनों व सदृश्य श्रेणी के नि:सहाय व्यक्तियों के लिए रैन बसेरा या अस्थायी शरण स्थलों में ठहराने हेतु समुचित व्यवस्था की जाए। कंबल व्यवस्था - रात्रि रैन बसेरा या अस्थायी शरण स्थलों में पर्याप्त संख्या में कंबल रखे जाएं। कंबल किसी व्यक्ति विशेष को आबंटित न किया जाए अपितु अन्य हितग्राहियों द्वारा भी कबंल का उपयोग किया जाए। अलाव की व्यवस्था - राज्य के किसी जिले में शीतलहर की स्थिति में शीत प्रकोप से बचाने हेतु आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में अलाव की व्यवस्था की जाएं। अलाव की व्यवस्था करते समय ये विशेष ध्यान दिया जाएं कि अलाव ऐसे स्थान पर जलाया जाये जिससे आगजनी की घटना न हो। आवश्यक चिकित्सा सुविधायें - शीत प्रकोप से बचाव हेतु आवश्यक दवाओं का भंडारण एवं चिकित्सा सेवायें हेतु समुचित व्यवस्था की जाए। प्रत्येक जिले में चिकित्सा दल गठित कर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने हेतु निर्देशित किया जाए। रबी फसल - शीत प्रकोप से रबी फसलों के बचाव हेतु कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक समुचित व्यवस्था की जाए। स्कूलों का समय परिवर्तन - तापमान सामान्य से कम होने की स्थिति में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय एवं संस्थाओं के समय में परिवर्तन किया जाना सुनिश्चित करें। मृतकों की सूचना - शीतलहर के कारण किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने एवं अस्थायी रैनबसेरा में रखे गये व्यक्तियों की जानकारी निर्धारित प्रपत्रों में प्रतिदिन सुबह 9 बजे तक इस विभाग के फैक्स क्रमाक 07744-225117 एवं ईमेल आईडी - rahatsakha37@gmail.com उपलब्ध करावें।

सहायता- मृत एवं पीडि़त परिवारों एवं प्रभावित कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में निहित प्रावधान अनुसार आर्थिक अनुदान सहायता प्रदान की जाए। सहयोग शीतलहर के प्रकोप से बचाव एवं प्रबंधन हेतु स्थानीय यूनीसेफरेड क्रास सोसायटी एवं अशासकीय संगठनों से भी आवश्यक सहयोग लिया जा सकता है। इस संबंध में जानकारी प्रतिदिन कार्यालय कलेक्टर (राहत शाखा) जिला कार्यालय राजनांदगांव को ई-मेल आईडी- cglrc54@gmail.com एवं rahatsakha37@gmail.com या फैक्स/ विशेष वाहक के हस्ते प्रतिदिन तत्काल भिजवाना सुनिश्चित करे।