Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

नई राजधानी की सार्थकता के लिए जरूरी नए रायपुर में विधानसभा, मुख्यमंत्री, मंत्री निवास बने - कांग्रेस

  कांग्रेस का आरोप -भाजपा सरकार ने नवा रायपुर में हजारों करोड़ खर्च तो कर दिया बसाहट के लिए कोई योजना नही बनाया था रायपुर। असल बात न्यूज़।  प...

Also Read

 

कांग्रेस का आरोप -भाजपा सरकार ने नवा रायपुर में हजारों करोड़ खर्च तो कर दिया बसाहट के लिए कोई योजना नही बनाया था


रायपुर। असल बात न्यूज़।

 पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा विधानसभा भवन के शिलान्यास के औचित्य पर सवाल खड़ा किये जाने को कांग्रेस ने उनकी खीझ बताया है ।प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती  रमन सिंह सरकार की अदूरदर्शिता के कारण वीरान पडी नई राजधानी को आबाद करने नवा रायपुर में नए भवनों ,मंत्रियों के निवास ,मुख्यमंत्री निवास और विधानसभा भवन बनाने की जरूरत महसूस की जा रही है । नई राजधानी में 7 से 8हजार करोड़ ख़र्च बिना किसी योजना के तत्कालीन भाजपा सरकार ने खर्च कर दिया था ।बड़े बड़े भवन बनाये गए चौड़ी चौड़ी सड़के बनाई गई ,सड़को के किनारे लैंड स्केपिंग करवाया गया गार्डन बनाया गया ,हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से कालोनियां बनवा दी गयी ।इतना सब करने के बाद नई राजधानी में आबादी बढ़ाने और लोगो की बसाहट बढ़ाने का कोई प्रयास नही किया गया ।हजारो करोड़ खर्च करने के बाद भी नया रायपुर वीरान पड़ा हुआ है ।वहा बने सरकारी भवन खंडहर में तब्दील होने की कगार पर हैं।सरकार को खाली भवन ,सड़को और गार्डनों के रख रखाव पर लाखों रु खर्च करने पड़ रहे है।

   प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि यदि रमन सरकार थोड़ी दूरदर्शिता दिखाती नई राजधानी को पूर्ण केपिटल काम्प्लेक्स के रूप में विकसित करती वहाँ मंत्रालय के साथ विधानसभा और मुख्यमंत्री मंत्रियों के निवास ,अधिकारियों के निवास भी स्थानांतरित करवाती तो आज नई राजधानी की स्थिति कुछ और ही होती ।मंत्रालय और सचिवालय तो नवा रायपुर में शिफ्ट कर दिया गया लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों के निवास पुराने रायपुर में ही है लोग घण्टो सफर कर डीजल पेट्रोल जला कर रायपुर से नई राजधानी आते जाते है ।

   प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा किआम आदमी तो नए रायपुर से कट गया। जब पूरा सरकारी अमला वहा चले जाएगा तो स्वाभाविक है कि प्रदेश भर से राजधानी पहुचने वाले लोगो की वहा आमदरफ्त भी बढ़ेगी और नए राजधानी के लिए खर्च किये गए 8 हजार करोड़ रु की कुछ सार्थकता हो सकेगी।

हाउसिंग बोर्ड के द्वारा नए रायपुर में हर वर्ग के लिए आवासीय परिसर का निर्माण किया गया लेकिन लोगो ने उनको खरीदने और वहाँ बसने में रुचि नही दिखाई ।सार्वजनिक यातायात सुविधाओ को विकसित किये बिना बसाहट की कल्पना की गई जिसे लोगो ने नकार दिया ।